138 सीटों पर 50%+ वोट, 16 पर जीत का अंतर 1 लाख से ज्यादा… महाराष्ट्र में महायुति के महाबवंडर का पूरा एनालिसिस
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के नतीजे इतने एकतरफा होंगे, इसका अंदाजा राजनीतिक पंडितों को छोड़िए; चुनाव लड़ने वाली पार्टियों को भी नहीं था. सत्तारूढ़ महायुति ने 288 सीटों में से 235 पर जीत दर्ज की. विपक्षी महाविकास आघाड़ी (MVA) को सिर्फ 49 सीटें मिल पाईं. वोट शेयर में भी महायुति का दबदबा साफ जाहिर रहा. बीजेपी-शिवसेना (शिंदे)-एनसीपी के गठबंधन को 49.6 प्रतिशत वोट मिले, जबकि एमवीए को 35.3% वोट पड़े. महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति की धमक का अहसास इस तथ्य से पता चलता है कि 138 सीटें ऐसी रहीं जहां गठबंधन ने 50% या अधिक वोट हासिल किया. उसकी जीतों का औसत अंतर भी एमवीए के दोगुने से अधिक है. 10 प्वाइंट्स में पढ़ें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों का पूरा एनालिसिस.
1. 50% से ज्यादा वोट शेयर: पूरे महाराष्ट्र में, 154 सीटें ऐसी रहीं जहां विजयी उम्मीदवारों ने 50% से अधिक वोट हासिल किए. 2019 में ऐसी सीटों की संख्या 129 थी और 2014 में यह संख्या सिर्फ 55 थी. 2024 में महायुति ने 138 सीटों पर 50% से अधिक वोट शेयर हासिल किया. इस साल, एमवीए ने केवल 16 ऐसी सीटें जीतीं, और अधिकांश जीत बहुत ही कम मुकाबलों में हासिल हुईं.
2. बीजेपी का जादू चला: महायुति के लिए बीजेपी ने धुआंधार बैटिंग की. पार्टी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा और 132 सीटें जीतीं और 26.8% वोट शेयर हासिल किया, दोनों ही महाराष्ट्र में पार्टी के लिए रिकॉर्ड हैं. बीजेपी ने लगभग दो तिहाई या 84 सीटें 50% से ज्यादा वोट शेयर के साथ जीतीं. भाजपा ने 60% से ज्यादा वोट शेयर के साथ 26 सीटें जीतीं. सतारा में 80.4% वोट पाकर बीजेपी ने इस चुनाव में किसी एक सीट पर सबसे ज्यादा वोट शेयर हासिल किया.
3. सहयोगी भी चमके: महायुति में बीजेपी के सहयोगी दलों, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने भी शानदार प्रदर्शन किया. शिवसेना की 57 सीटों में से 30 सीटें 50% से ज्यादा वोट शेयर के साथ आईं, जबकि एनसीपी ने 41 में से 20 सीटें आधे से ज्यादा वोट शेयर के साथ जीतीं.
4. MVA को सांत्वना: बात अगर MVA की कम से कम 50% वोट शेयर के साथ वाली जीतों की करें, तो शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने छह सीटों पर ऐसा किया. कांग्रेस ने पांच और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने चार ऐसी सीटें हासिल कीं. एमवीए को सिर्फ तीन सीटों पर 60% से ज्यादा वोट मिले. एमवीए ने 30% से 40% के बीच वोट शेयर के साथ सात सीटें जीतीं, और 40% से 50% के बीच 27 सीटें जीतीं.
5. 22 सीटों पर MVA की जमानत जब्त: 34 सीटों पर एमवीए के उम्मीदवार तीसरे या उससे नीचे स्थान पर रहे. गठबंधन को 22 सीटों पर जमानत भी गंवानी पड़ी, जबकि 11 सीटों पर उसका वोट शेयर 10% से नीचे चला गया.
6. विनिंग मार्जिन में भी महायुति का दबदबा: महाराष्ट्र चुनाव में जीत का अंतर महायुति के प्रभावशाली प्रदर्शन की एक जैसी कहानी बयां करता है. महायुति का औसत जीत का अंतर 40,100 से ज्यादा वोट था जो एमवीए के औसत अंतर (19,200) के दोगुना से भी ज्यादा. कुल मिलाकर, महाराष्ट्र का औसत जीत का अंतर 36,230 वोट था, जो 2019 में 28,440 और 2014 में 22,810 से काफी ज्यादा रहा. यह इस बात का संकेत है कि इस बार मुक़ाबला बेहद एकतरफा था.
7. औसत विनिंग मार्जिन: बीजेपी की जीत का औसत अंतर 42,880 वोट रहा., जबकि एनसीपी को दूसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों से 40,480 और शिवसेना को लगभग 33,450 वोट ज्यादा मिले. एमवीए दलों के जीत के अंतर का औसत बहुत कम रहा – एनसीपी (सपा) को लगभग 23,820 वोट, कांग्रेस को 17,690 और शिवसेना (यूबीटी) को 17,180 वोट अधिक मिले.
8. 16 सीटों पर मार्जिन 1 लाख से ज्यादा: महाराष्ट्र की 16 सीटों पर जीत का अंतर 1 लाख वोट से ज्यादा रहा, ये सभी सीटें महायुति ने जीतीं. सबसे बड़ा विनिंग मार्जिन शिरपुर में 1.46 लाख रहा, जहां से बीजेपी जीती. महायुति का अंतर सिर्फ 44 सीटों पर 10,000 से कम और 24 सीटों पर 5,000 से कम रहा. सबसे कम जीत का अंतर बेलापुर में रहा, जहां बीजेपी महज 372 वोट से चुनाव जीती.
9. MVA को यहां भी मायूसी: विपक्षी गठबंधन एमवीए का कोई भी उम्मीदवार 1 लाख से अधिक वोटों के अंतर से नहीं जीता. मुंब्रा-कलवा में एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार 96,230 वोटों के साथ सबसे नजदीक रहा.
10. नुकसान की भरपाई: महायुति ने उन 52 विधानसभा सीटों में 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए, जहां वह हालिया लोकसभा चुनावों में एमवीए से हार गई थी. 2024 लोकसभा चुनाव में महायुति ने राज्य की 48 संसदीय सीटों में से सिर्फ 17 पर जीत हासिल की थी.