Lockdown, नाइट कर्फ्यू से टूटी व्यापारियों की कमर, 25 दिनों में 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, CAIT ने जताई चिंता
Corona Lockdown: कोरोना महामारी के तेजी से बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए कई राज्यों को लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लगाने पड़े हैं, जिसका सीधा असर कारोबारियों पर पड़ रहा है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की ओर से बताया गया है कि 1 अप्रैल से 25 अप्रैल के दौरान इन प्रतिबंधों के चलते देश में करीब 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है.
कोरोना के खौफ से 80 परसेंट लोग बाजार से दूर: CAIT
ऐसे प्रतिबंधों और कोरोना महामारी के खौफ की वजह से पूरे देश में करीब 80 परसेंट लोगों ने बाजार से खरीदारी के लिए आना ही बंद कर दिया. CAIT का कहना है कि 5 लाख करोड़ रुपये में से 3.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान रीटेल कारोबार को हुआ जबकि बाकी 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान थोक कारोबारियों को हुआ है. CAIT के रिसर्च विंग कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से तमाम राज्यों के व्यापारी संगठनों से बातचीत कर व्यापार में इस नुकसान का अनुमान लगाया गया है.
14 राज्यों से जुटाए गए आंकड़े: CAIT
व्यापार में नुकसान का ये आंकड़ा देश के 14 राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाकट, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, के प्रमुख व्यापारी संगठनों की ओर से बाज़ारों की स्थिति, कोरोना प्रतिबन्ध और ग्राहकों के खरीददारी स्वभाव के आधार पर इकट्ठा और अनुमानित किया गया है.
दिल्ली में 25 हजार करोड़ का नुकसान: CAIT
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि अकेले दिल्ली में ही करीब 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें रिटेल कारोबार का हिस्सा 15 हजार करोड़ रुपये और थोक का 10 हजार करोड़ रुपये है. जबकि आम जरूरत का सामान लोग ऑनलाइन मंगवा रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से लोग सिर्फ अपने घर के नजदीकी दुकान तक ही लोग जा रहे हैं.
व्यापारियों में भी कोरोना का आतंक: CAIT
CAIT का कहना है कि अंतर्राज्यीय व्यापार दिल्ली में पूरी तरह से बंद है. न केवल उपभोक्ता बल्कि व्यापारी भी कोरोना से काफी आतंकित हैं, क्योंकि उन्हें लगता है की अगर दुकानें खोली गईं और किसी भी व्यापारी, उनके कर्मचारी या ग्राहकों को कोरोना से संक्रमण हो गया तो मौजूदा हालातों में मेडिकल सुविधा भी मिलना मुश्किल है. इस बार की कोरोना लहर में दिल्ली सहित देश भर में व्यापारी बड़ी संख्यां से कोरोना से प्रभावित हुए हैं और बड़ी संख्या में व्यापारियों की कोरोना की वजह से मृत्यु भी हुई है.
कोरोना से ज्यादा चिकित्सा व्यवस्था का भय: CAIT
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि कोविड मामलों में तेजी से बढ़ोतरी और चिकित्सा व्यवस्था की लचर हालत को देखते हुए न केवल व्यापारियों बल्कि आम लोगों में भी कोरोना के लिए बीमारी से ज्यादा इसका भय व्यापत हो गया है और जिन राज्यों में भी व्यापारियों ने राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार अपनी दुकानें खोल भी रखी हैं वहां भी उपभोक्ता की आवाजाही न के बराबर है. राज्यों में रात के कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन को लागू करने के कारण सामान्य उपभोक्ता के मन में भय पनप गया है जिसके कारण वो बाज़ारों में जाने से बच रहे हैं और जिन राज्यों में रात्रि कर्फ्यू लगा है वहां से माल की लोडिंग और अनलोडिंग न के बराबर हो रही है क्योंकि देश भर में ज्यादातर जगहों पर ट्रांसपोर्ट कंपनियों से माल रात को ही लोड होता है जो कि नाइट कर्फ्यू के कारण नहीं हो पा रहा है. जिससे अंतराज्यीय व्यापार प्रभावित हो रहा है.
कल से CAIT करेगा ऑनलाइन सर्वे
भरतिया और खंडेलवाल ने बताया की CAIT कल से दिल्ली सहित देश भर में एक ऑनलाइन सर्वेक्षण शुरू कर रहा है जो 29 अप्रैल तक चलेगा. इस सर्वेक्षण में देशभर के व्यापारियों और आम लोगों से कोरोना और चिकित्सा सुविधाओं की मौजूदा स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन या दूसरे क्या विकल्प हो सकते हैं, उनके बारे में राय ली जायेगी.CAIT ने कल देश के सभी प्रमुख व्यापारी संगठनों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग भी बुलाई है. जिसमें देश के प्रमुख व्यापारी नेता कोरोना को लेकर आगे क्या किया जाए, इस पर चर्चा करेंगे.