ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम की दरों को तय करने का फैसला क्रिटिकल मिनरल्स मिशन(Critical Minerals Mission)के तहत लिया गया है. इससे इन खनिजों की खदानों की नीलामी तेज होने की उम्मीद है. सीजियम और रुबिडियम पर उत्पादित धातु की औसत बिक्री कीमत(ASP)का 2% रॉयल्टी लगेगी, जिरकोनियम पर 1% और ग्रेफाइट में अगर 80% या उससे ज्यादा कार्बन है तो ASP का 2 प्रतिशत रॉयल्टी और अगर 80% से कम कार्बन है को ASP का 4 फीसदी रॉयल्टी लगेगी.
सरकार का मानना है कि बाजार मूल्य के अनुसार रॉयल्टी तय करने से अलग-अलग क्वालिटी के Graphite के लिए रॉयल्टी का सही तालमेल बैठेगा. देश में उत्पादन बढ़ेगा और हमें आयात(Import)पर कम निर्भर रहना पड़ेगा. सामान की सप्लाई में आने वाली दिक्कतें कम होंगी और नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.
कहां काम आता है ग्रेफाइट?
ग्रेफाइट इलेक्ट्रिक गाड़ियों(EV)की बैटरी के लिए बहुत ही जरूरी चीज है. यह बैटरी में मुख्य रूप से एनोड बनाने के काम आता है. इससे बैटरी में बिजली का बहाव अच्छा होता है और चार्ज होने की क्षमता बढ़ती है. हालांकि भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत का ग्रेफाइट दूसरे देशों से मंगाता है. अभी भारत में ग्रेफाइट की 9 खदानों में काम चल रहा है और 27 नए खदान ब्लॉकों की नीलामी हो चुकी है.
किस काम आता है जिरकोनियम?
बता दें कि जिरकोनियम बहुत काम की धातु है जो कई अलग-अलग उद्योंगों में इस्तेमाल की जाती है. मुख्य तौर पर इसका इस्तेमाल परमाणु ऊर्जा(Nuclear Energy), हवाई जहाज और अंतरिक्ष से जुड़े सामान(Aerospace), स्वास्थ्य सेवा(Health Care)और सामान्य कारखानों में होता है.
सीजियम का क्या है इस्तेमाल?
अगर सीजियम के बारे में आपको बताएं तो इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों में होता है. इसकी खासियत है कि इसमें जंग लगने का डर नहीं होता और यह बहुत ज्यादा तापमान पर भी स्थिर रहता है. मुख्य तौर पर इसका इस्तेमाल परमाणु घड़ियां, GPS System, कैंसर के इलाज और दूसरे मेडिकल उपकरणों में होता है.
रुबिडियम का इस्तेमाल और नीलामी की खबर
रुबिडियम का इस्तेमाल खास तरह के चश्मे बनाने में होता है. ये चश्मे फाइबर ऑप्टिक्स, टेलीफोन सिस्टम और रात में देखने वाले डिवाइस(Night Vision)में काम आते हैं. केंद्र सरकार ने जरूरी खनिजों के छठे दौर की नीलामी के लिए 16 सितंबर को नोटिस जारी किया था. नीलामी में ग्रेफाइट के 5 ब्लॉक, रुबिडियम के दो और सीजियम व जिरकोनियम का एक-एक ब्लॉक शामिल है. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा रॉयल्टी दरें तय किए जाने के बाद बोली लगाने वालों को नीलामी में कीमतें का सही अंदाजा लगाने में आसानी होगी.








