बिहार के बाद 4 नवंबर से उत्तर प्रदेश में विशेष सघन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं. राजधानी लखनऊ में भी ये प्रक्रिया पूरी तैयारी के साथ शुरू हो गई हैं. लखनऊ में नौ विधानसभा सीटें आती हैं, जिनके लिए क़रीब 40 लाख वोटर है. बीएलओ ने अब यहां घर-घर जाकर सत्यापन शुरू कर दिया है.
राजधानी लखनऊ में भी एसआईआर की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है. लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट सबसे बड़ी विधानसभा सीट है, जिस पर सबसे ज्यादा सख्या में वोटर हैं. इस सीट पर कुल 590 बूथ हैं. जिन पर 5,96,028 वोटर हैं. दूसरे नंबर पर बख्शी का तालाब विधानसभा आती है. इस सीट पर कुल 104 मतदान केंद्र हैं और 490 बूथ हैं.
लखनऊ में एसआईआर की प्रक्रिया तेज
तीसरे नंबर पर लखनऊ पश्चिम विधानसभा सीट आती है. इस सीट पर कुल 416 बूथ हैं और करीब 4,65,982 वोटर हैं, इसके बाद लखनऊ नॉर्थ विधानसभा सीट आती है. इस सीट पर कुल 408 बूथ हैं और क़रीब 4,93,697 वोटर हैं. जबकि लखनऊ मध्य सीट पर कुल 339 बूथ हैं और इस सीट पर क़रीब 3,70,656 मतदाता है.
राजधानी लखनऊ की सभी नौ विधानसभा सीटों को मिलकर कुल 1550 मतदान केंद्र हैं और 3789 बूथ है, इन सभी बूथों पर एसआईआर किया जा रहा है. सहायक निर्वाचन अधिकारी अभय किशोर ने बताया कि एसआईआर की प्रक्रिया के लिए बीएलओ को बूथों की संख्या के आधार पर ही लगाया गया है.
सपा-कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
एसआईआर को लेकर अब प्रदेश की सियासत भी गर्मा गई है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही विपक्षी दल एसआईआर को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं. सपा ने इस प्रक्रिया में लदे अधिकारियों और कर्मचारियों की जाति व धर्म के आधार पर पोस्टिंग के आरोप लगाते हुए निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए है.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शहर अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव ने आरोप लगाए कि एसआईआर की प्रक्रिया को दो दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें बीएलओ की सूची नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष है तो ये सूची देने में उन्हें क्या दिक़्क़त हैं?








