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Chhattisgarh: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल गिरफ्तार, कथित शराब घोटाले में हुई कार्रवाई

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छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा (एसीबी/ईओडब्ल्यू) ने बुधवार (24 सितंबर) को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और एक अन्य व्यक्ति दीपेन चावड़ा को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी कथित शराब घोटाले के सिलसिले में हुई.

अधिकारियों के अनुसार, दोनों को विशेष अदालत (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर तक एसीबी/ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेज दिया.

एसीबी/ईओडब्ल्यू ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित घर में तलाशी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था. तब से वह न्यायिक हिरासत में जेल में बंद थे. अब पेशी वारंट मिलने के बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया.

तत्कालीन भूपेश सरकार में घोटाले का दावा
पिछले साल जनवरी में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. यह शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ माना जा रहा है. घोटाले की रकम कथित तौर पर 2,500 करोड़ रुपये से अधिक है. उस समय छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार थी.

ईडी ने दावा किया है कि चैतन्य बघेल इस घोटाले के पीछे के सिंडिकेट के मुखिया थे और उन्होंने लगभग 1,000 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत रूप से प्रबंधन किया. इसके अलावा, उन्होंने अपराध की आय को छिपाने और हेरफेर में भी सहयोग किया.

बिना सबूत हुई गिरफ्तारी- वकील
चैतन्य के वकील फैसल रिजवी ने कहा कि यह गिरफ्तारी सिर्फ दबाव बनाने के लिए हुई है और कोई ठोस सबूत नहीं है. रिजवी के अनुसार, अब तक दर्ज मुख्य और पूरक आरोपपत्रों में चैतन्य का नाम कहीं नहीं है. कुल मिलाकर लगभग 45 लोग आरोपी बनाए गए, लेकिन उनमें से 29 को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया.

वकील ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा चैतन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी का आधार विशेष अदालत में एक अन्य आरोपी लक्ष्मी नारायण बंसल का बयान बताया गया.

एसीबी/ईओडब्ल्यू और ईडी की कार्रवाई
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने इस मामले में जांच शुरू की थी और अब तक कई दस्तावेज और सबूत इकट्ठा किए हैं. ईडी ने इस घोटाले के लिए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, अनवर ढेबर, आईएएस अनिल टुटेजा, आईटीएस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

ईडी का दावा है कि सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब बनाने वालों से कमीशन और रिश्वत लेकर पूरे बाजार हिस्से को नियंत्रित किया. इससे प्राप्त आय तत्कालीन अधिकारियों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा हड़पी जा रही थी.

अदालत में हुई पेशी
चैतन्य और दीपेन को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर तक हिरासत में रखने का आदेश दिया. अब अदालत और जांच एजेंसियां मिलकर इस 2,500 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की गहराई से जांच कर रही हैं.

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