दिल्ली सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभार्थियों की पात्रता की दोबारा जांच कराने का निर्णय लिया है. समाज कल्याण विभाग के माध्यम से होने वाला यह सर्वे घर-घर जाकर किया जाएगा, जिसमें लाभार्थियों के दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेंशन का लाभ केवल उन्हीं बुजुर्गों को मिले जो इसके वास्तविक पात्र हैं.
अपात्र लोगों के लाभ उठाने की मिल रही थीं शिकायतें
दरअसल, दिल्ली सरकार को इस योजना में अपात्र लोगों द्वारा लाभ उठाने की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह सख्त कदम उठाया गया है. अधिकारियों का कहना है कि सर्वे के दौरान जिन लोगों को अपात्र पाया जाएगा, उनकी पेंशन रोकी जा सकती है और आवश्यक कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है.
‘संकटग्रस्त महिलाओं’ योजना में भी मिले अपात्र लाभार्थी
इससे पहले महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही ‘संकटग्रस्त महिलाओं’ योजना के तहत कराए गए सर्वे में भी बड़ी संख्या में अपात्र लाभार्थी सामने आए थे. इस योजना में 25,000 से अधिक महिलाएं ऐसी पाई गईं जो योजना की शर्तों को पूरा नहीं करती थीं, फिर भी हर महीने ₹2500 की आर्थिक सहायता ले रही थीं. इसके बाद ही सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना की भी समीक्षा का फैसला किया.
गौरतलब है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 80,000 नई वृद्धावस्था पेंशनें मंज़ूर की थीं. इससे योजना के कुल लाभार्थियों की संख्या बढ़कर लगभग 5.3 लाख हो गई थी, जबकि पहले करीब साढ़े चार लाख लोग इस योजना के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे थे. रेखा सरकार का उद्देश्य अब यह सुनिश्चित करना है कि राज्य की वित्तीय सहायता केवल उन बुजुर्गों तक पहुंचे, जो वाकई में आर्थिक रूप से कमजोर और इस सहायता के योग्य हैं.
