उमर अब्दुल्ला की गैर मौजूदगी पर क्यों भड़के मनोज सिन्हा? बोले- ‘यह चरित्र का दोहरापन है’
गुरुवार को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस मनाया गया. इसम मौके पर सभी नौकरशाह समेत सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे लेकिन हाल ही में मुख्यमंत्री बने उमर अब्दुल्ला नजर नहीं आए. शेर कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) में आयोजित किए गए इस प्रोग्राम का सत्तारूढ़ सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों ने बहिष्कार किया. उनकी गैरमौजूदगी को लेकर लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इसे चरित्र का दोहरापन करार दिया. जम्मू कश्मीर में सरकार बनने के बाद यह पहली बार है जब एलजी सरकार और नवनिर्वाचित सरकार के बीच दरार देखी गई है.
यह चरित्र का दोहरापन: मनोज सिन्हा
लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि उन लोगों ने यूटी दर्जे के तहत शपथ ली लेकिन जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया, वे अपने चरित्र के दोहरेपन को दर्शा रहे हैं. मनोज सिन्हा ने आगे कहा,’जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बने रहने के दौरान संविधान को बनाए रखने की शपथ ली थी, वे समारोह से गायब थे. यह चरित्र के दोहरेपन को दर्शाता है.’ सिन्हा ने कहा कि गृह मंत्री ने संसद में स्पष्ट रूप से कहा है कि परिसीमन और चुनाव के बाद उचित समय पर राज्य का दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जब राज्य का दर्जा मिलेगा तो हम उसका भी जश्न मनाएंगे.
‘लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं’
मनोज सिन्हा के अलावा भाजपा ने भी कहा कि जब उन्हें केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने में कोई आपत्ति नहीं है तो वे इसके जश्न से दूर क्यों रहते हैं. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा,’जब उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव लड़ने में कोई समस्या नहीं थी, उन्हें मुख्यमंत्री और विधायक बनने में कोई समस्या नहीं थी, मुझे नहीं लगता कि उन्हें केंद्र शासित प्रदेश के जश्न में शामिल होने में कोई समस्या होनी चाहिए. केंद्र शासित प्रदेश में रहते हुए उमर साहब मुख्यमंत्री बन गए और अब वे फिर से लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. केंद्र शासित प्रदेश पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, उमर साहब को समारोह में शामिल होना चाहिए था.”
‘हमने संविधान की शपथ ली’
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता का हवाला दिया था. आज एलजी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के हजरतबल विधायक और एनसी युवा अध्यक्ष ने कहा कि हमने भारत के संविधान के तहत शपथ ली है, इसका यूटी या राज्य से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन हम इस बात पर कायम हैं कि 5 अगस्त को जो कुछ भी हुआ वह गलत था.
प्रोग्राम में क्यों नहीं शामिल हुए?
विधायक सलमान सागर ने कहा,’हमने देश के संविधान के तहत शपथ ली है, सभी मंत्री और विधायक उसी के तहत शपथ लेते हैं, हम देश के संविधान का सम्मान करते हैं. हम कहते हैं कि जम्मू कश्मीर यूटी का हकदार नहीं है यह एक राज्य था, इसे जल्द से जल्द राज्य के रूप में बहाल किया जाना चाहिए और हमें लगता है कि हम समारोह में जाकर यह स्वीकार कर लेते कि 5 अगस्त को जो हुआ वह सही था. वहां न जाकर यह स्पष्ट है कि हम मानते हैं कि 5 अगस्त को जो हुआ वह सही नहीं था और उम्मीद है कि जो कुछ भी हम से लिया गया है वह हमें वापस दिया जाएगा.’