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सांसद बनने के बाद चंद्रशेखर आजाद ने बताया ऐसा फ्यूचर प्लान, बढ़ जाएगी मायावती-अखिलेश और राहुल की टेंशन

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) चीफ चंद्रशेखर आजाद इस लोकसभा चुनाव में नगीना से जीतकर संसद पहुंचे हैं. चंद्रशेखर ने नगीना से सपा, बसपा और बीजेपी के प्रत्याशी को मात देकर जीत हासिल की है. आजाद को फरवरी 2021 में टाइम्स मैगजीन ने 100 इमरजिंग नेताओं की लिस्ट में शामिल किया था. आजाद ने हाल ही में एएनआई को दिए इंटरव्यू में फ्यूचर प्लान पर भी बात की, यह यूपी में बाकी राजनीतिक पार्टियों की टेंशन बढ़ा सकता है.

चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ”मुझे वोट तो नगीना की जनता ने दिया, लेकिन हमारा संगठन 26-27 राज्यों में है. मैं करोड़ों लोगों की उम्मीद हूं. मैंने एक शपथ संसद पद की ली. लेकिन मैंने दूसरी शपथ संसद की सीढ़ियों पर ली कि मैं महापुरुषों के अधूरे सपने को पूरा करूंगा. मैं पूरा जी जान लगा दूंगा. मैं कोई गलती नहीं करूंगा. मैं कोई सुख सुविधा के बारे में नहीं सोचूंगा. मैं किसी लालच में नहीं जाऊंगा. मैं जमीन पर लेटकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाऊंगा. जो बदलाव होने हैं, उन्हें मैं मजबूती से सांसद में उठाऊंगा. मैं ये पुरजोर कोशिश करूंगा कि मेरे बाद भी ये रुके नहीं. मेरे बाद भी मेरे जैसे लोग सांसद में आएं.

चंद्रशेखर आजाद ने सपा-कांग्रेस के संविधान उठाने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, विपक्ष वालों ने बहुत संविधान उठाया. अब देखता हूं कि वे क्या करेंगे. जातिगत जनगणना, महिला सशक्तिकरण पर वे क्या करेंगे?

सपा-कांग्रेस पर क्या बोले चंद्रशेखर?

आजाद ने सांसद बनने के बाद सपा-बसपा की नींद उड़ाने से जुड़े सवाल पर कहा, मैंने कोई तहलका नहीं मचाया. जनता चाहती है कि आजाद पार्टी आगे बढ़े. चंद्रशेखर जैसे लोग आगे आएं. जनता चाहती है कि उनके बीच रहने वाले लोग आगे आएं. जनता ने ही मुझे वोट किया. मेरे खिलाफ बीजेपी की पूरी पार्टी चुनाव लड़ी. इंडिया गठबंधन के बड़े बड़े नेताओं ने मेरे खिलाफ प्रचार किया. बसपा के लिए मायावती और आकाश आनंद ने प्रचार किया.

चंद्रशेखर आजाद ने कहा, नगीना में मुझे सामान्य जाति ने वोट किया. मुझे किसानों ने वोट किया. मुझे हर जाति से वोट मिला. लेकिन अब जिन लोगों ने मुझे वोट नहीं किया, वो भी मेरे अपने लोग हैं.

मायावती से कहां हो रही चूक?

चंद्रशेखर आजाद ने कहा, बसपा जितना काम कर सकती थी, उसने किया. समाज काफी नीचे था, बसपा जितना इसे उठा सकती थी, उसने उठाया. कांशीराम और मायावती ने जितने प्रयास किए, लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं. बसपा वोट बैंक कहां क्यों छिटक गया, इस सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने कहा, समाज जागरूक हो गया है. वे (मायावती) बहुत बड़ी नेता हैं, मैं उनपर कमेंट नहीं कर सकता हूं. मैं ये नहीं कह सकता हूं कि उन्होंने कहां गलती कर दी. उन्होंने जितना किया, वो उन्होंने बहुत काम किया. लेकिन हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है. हमने बागडोर इसलिए संभाल ली. पहले लोग कहते थे कि भीड़ तो है, लेकिन वोट नहीं है. इस बार हमारे साथ वोट भी आ गया.

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