कंगना रनौत के थप्पड़ कांड पर CM भगवंत मान बोले, ‘कहीं न कहीं महिला CISF कांस्टेबल के दिल में…’
चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर फिल्म अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत को थप्पड़ मारने के मामले को लेकर अभी तक चर्चा जारी है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत को कथित तौर पर थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ की महिला कांस्टेबल की किसानों के आंदोलन पर नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद के पिछले बयानों से नाराजगी हो सकती है.
सीएम भगवंत मान ने आतंकवाद पर की गई टिप्पणी को लेकर भी कंगना रनौत पर निशाना साधा. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह घटना नहीं होनी चाहिए थी. पिछले हफ्ते चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ की महिला कांस्टेबल कुलविंदर कौर द्वारा कथित तौर पर कंगना को थप्पड़ मारने पर पंजाब के मुख्यमंत्री की यह पहली प्रतिक्रिया थी.
CISF कांस्टेबल के दिल में गुस्सा था- भगवंत मान
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ”कुलविंदर कौर जाहिर तौर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कंगना के रुख से नाराज थीं. थप्पड़ मारने की घटना पर एक सवाल के जवाब में मान ने कहा, देखिए, वह गुस्सा था. कंगना ने पहले भी ऐसी बात कही थी. कहीं ना कहीं उस महिला CISF कांस्टेबल के दिल में गुस्सा था. यह घटना इस तरह नहीं होनी चाहिए थी.
आतंकवाद पर टिप्पणी को लेकर सीएम का कंगना पर निशाना
सीएम मान ने आगे कहा, ”चाहे कोई फिल्म अभिनेता हो या सांसद, यह कहना गलत है कि पूरा पंजाब एक आतंकवादी राज्य है और राज्य में आतंकवाद है.” उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के योगदान को याद किया और यह भी कहा कि यह देश का पेट भरता है. हर मुद्दे पर आप कहते हैं कि ये आतंकवादी और अलगाववादी हैं. किसान विरोध प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें आतंकवादी कहा जाता है. यह गलत है.”
चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कंगना रनौत पर हुआ था हमला
बता दें कि पिछले हफ्ते की घटना के कुछ घंटों बाद एक वीडियो संदेश में कंगना रनौत ने कहा था कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान कांस्टेबल ने उनके फेस पर हमला किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया. लोकसभा के लिए चुने जाने के दो दिन बाद ही उनपर ये हमला हुआ. कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की है. कंगना ने पहले बयान दिया था कि किसान दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उन्हें 100 या 200 रुपये का भुगतान किया गया था.