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वनवासी या आदिवासी: राहुल गांधी का बयान, आरएसएस-बीजेपी का नजरिया और ईसाई मिशनरियां

अपने फायदे के लिए राजनीतिक पार्टियां कब किस बात को मुद्दा बना लें इस पर कयास लगाना मुश्किल है, लेकिन ये बनते हैं और इन पर बहस कर राजनेता अपना-अपना हित भी साधते हैं. ऐसा ही एक मुद्दा आजकल देश की दो अहम पार्टियों के बीच गर्माया हुआ है. बात महज इतनी सी है कि बीजेपी और आरएसएस ने आदिवासी की जगह वनवासी शब्द का इस्तेमाल किया है और कांग्रेस को आदिवासी समुदाय के लिए वनवासी शब्द के इस्तेमाल से एतराज है.

गुजरात विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान महुवा में कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाए हैं. दरअसल भारत के संविधान में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति शब्दों को मान्यता दी गई है. आदिवासी समुदाय के लोग अनुसूचित जनजाति में आते हैं और आदिवासी कहे जाते हैं. अब बवाल इसी शब्द को वनवासी कहे जाने को लेकर है. इसे लेकर अब आदिवासी और वनवासी दोनों शब्दों के मतलब जानने की जरूरत आन पड़ी है.

“बीजेपी के लोग आपको आदिवासी नहीं कहते”

गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान महुवा विधानसभा इलाके की रैली में राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी के लोग आपको आदिवासी नहीं कहते हैं. वह आपको क्या कहते हैं? वनवासी. इसका मतलब है कि वे यह नहीं कहते कि आप हिन्दुस्तान के पहले मालिक हो. वे आपसे कहते हैं कि आप जंगलों में रहते हैं, मतलब वे नहीं चाहते कि आप शहरों में रहें, आपके बच्चे इंजीनियर बनें, डॉक्टर बनें, विमान उड़ाएं, अंग्रेजी में बात करें.”

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