Punjab News: भगवंत मान सरकार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की फटकार, इस तारीख से फिर 424 वीआईपी को मिलेगी सुरक्षा
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुआई वाली सरकार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को फटकार लगाई. मान सरकार ने कोर्ट से कहा कि 424 लोगों की सुरक्षा अस्थायी रूप से हटाई गई है, जो 7 जून से फिर से बहाल कर दी जाएगी. अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.
पिछले हफ्ते सरकार ने इन लोगों की सुरक्षा हटा दी थी या कम कर दी थी. इन 424 लोगों में शुभदीप सिंह सिद्धू यानी सिद्धू मूसेवाला भी शामिल थे, जिन्हें रविवार को पंजाब के मनसा जिले में अज्ञात हमलावारों ने गोलियों ने भून डाला था.
ओपी सोनी की याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पूर्व डिप्टी सीएम ओपी सोनी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने 30 जून को पिछली सुनवाई के दौरान आप सरकार से यह साफ करने को कहा था कि किस आधार पर लोगों की सुरक्षा वापस ली गई और उनकी पहचान सार्वजनिक हुई.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सीलबंद लिफाफे में 2 जून को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. सोनी के वकील मधु दयाल ने बताया, ‘पंजाब सरकार ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें उन्होंने बताया कि किन वजहों से लोगों की सुरक्षा वापस ली गई. उनके पास केंद्र सरकार की रिपोर्ट नहीं थी और इसके लिए उन्होंने अतिरिक्त समय की मांग की है.’
7 जून से बहाल होगी सुरक्षा
वकील ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि अमृतसर घलुघरा कार्यक्रम के कारण अस्थायी तौर पर सुरक्षा वापस ली गई थी और 7 जून को उसे बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, रिपोर्ट में कहा गया है कि वे उस व्यक्ति की पहचान करेंगे, जिसने उन लोगों की सूची बनाई जिनकी सुरक्षा को सार्वजनिक किया गया था.
लॉरेंस बिश्नोई की याचिका हुई थी खारिज
इससे पहले दिन में, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें गैंगस्टर ने सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में पंजाब पुलिस को अपनी हिरासत नहीं सौंपने की गुहार लगाई थी.
मूसेवाला की हत्या में शामिल होने के शक में बिश्नोई ने दिल्ली हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने के बाद बुधवार को हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें उसने जरूरी सुरक्षा उपायों की मांग की थी. लॉरेंस ने पंजाब पुलिस की ओर से “फेक एनकाउंटर” की आशंका जताई थी.