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दर्द: पहले टिकट बुक होता तो जिंदा बच जाता परिवार, मजबूरी में करना पड़ा था ये काम, रबीना बोली- अब तो सब खत्म हो गया..

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में मेट्रो लाइन के नीचे बनी झुग्गी बस्ती में शुक्रवार देर रात भीषण आग लग गई। हादसे में पांच नाबालिगों समेत सात लोगों की जान चली गई। सूचना मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल की 13 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। तीन घंटे बाद किसी तरह आग पर काबू पाया गया, तो दो झुग्गियों से सात शव, बुरी तरह जले हुए बरामद हुए। मरने वालों में एक ही परिवार के पांच लोगों के अलावा दो नाबालिग भाई-बहन भी शामिल हैं। हादसे में 33 झुग्गियां जलकर खाक हो गई। घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरी संवेदना प्रकट की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस पर अफसोस जताया। दोपहर को सीएम खुद घटना स्थल पर पहुंचे और हताहत हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने मरने वाले नाबालिगों के परिजनों को पांच-पांच लाख व बड़े लोगों के परिवारों को 10-10 रुपये मुआवजा देने का एलान किया।

गांव जाने के लिए यदि दो दिन पहले की टिकट होती आज मेरा भाई, बहन, भाभी और भतीजा जिंदा होता। लेकिन, अनहोनी ने मेरे परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। मेरे अपने चले गए, मुझे छोड़ गए…मुझे भी अब जीकर क्या करना है। गोकलपुरी आग की घटना में अपने परिवार को खोने वाली रज्जन की दोनों बेटियां रबीना और संगीता यह कहते हुए बार-बार बेहोश हो रही हैं। उनको अपने परिवार के खोने का मलाल था।

मृतकों के परिजनों ने बताया कि होली को लेकर घर में तैयारियां चल रही थीं। परिवार का मन इस बार की होली उन्नाव स्थित फाजिलपुर गांव में जाकर ही मनाने को लेकर था। इसे लेकर सप्ताह भर से भाई-बहन अपने बच्चों और माता-पिता के लिए कपड़े समेत अन्य चीजों की खरीदारी भी कर रहे थे।

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