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महाराष्ट्र: नवाब मलिक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई पूरी, 15 मार्च को फैसला सुनाएगा बॉम्बे हाकोर्ट
से कहा था कि उनकी गिरफ्तारी और रिमांड अवैध थी और उन्हें तत्काल रिहा कर दिया जाना चाहिए।
ईडी ने मलिक की याचिका का विरोध किया
ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह और अधिवक्ता हितेन वेनेगावकर ने अदालत को बताया कि मलिक की गिरफ्तारी उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद की गई थी। एक विशेस पीएमएलए अदालत ने रिमांड आदेश जारी किया था। उन्होंने कोर्ट को ईडी की हिरासत में और फिर न्यायिक हिरासत में भेजने के वैध कारण भी बताए।
मलिक को उचित प्रक्रिया के बाद गिरफ्तार किया गया था और एक विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा जारी उनके रिमांड आदेश ने उन्हें ईडी की हिरासत में और फिर न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए वैध कारण बताए। उन्होंने कहा कि मलिक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका विचार योग्य नहीं है। उन्हें इसकी जगह सामान्य जमानत के लिए आवेदन करना चाहिए।
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