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15 महीने बाद हो रही फिजिकल मीटिंग; वैक्सीनेशन और इकोनॉमी पर चर्चा हो सकती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हो रही है। इसमें कोरोना वैक्सीनेशन और सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होने के आसार हैं। बैठक में पीएम और बाकी मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बजाय प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए हैं। इससे पहले पिछले साल अप्रैल के पहले हफ्ते में प्रत्यक्ष बैठक हुई थी। लॉकडाउन में लगभग हर हफ्ते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक होती रही है।

शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मंत्रिपरिषद की भी बैठक
PM मोदी आज शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंत्रिपरिषद की बैठक भी करेंगे। 7 जुलाई को हुए कैबिनेट विस्तार के बाद एक हफ्ते में यह दूसरी बैठक होगी। नई मंत्रिपरिषद की पहली बैठक 8 जुलाई को हुई थी। इससे पहले 7 जुलाई को 43 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। इसमें 15 कैबिनेट और 28 राज्यमंत्री शामिल हैं।

मानसून सेशन को देखते हुए हो रही बैठक
संसद का मानसून सेशन 19 जुलाई से शुरू होने वाला है। माना जा रहा है कि इसे देखते हुए ही मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई जा रही है। दरअसल, कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन समेत अन्य कई अहम मुद्दे इस वक्त चर्चा में हैं। ऐसे में बैठक में इन मसलों पर बातचीत हो सकती है और कुछ बड़े फैसले भी लिए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए भी कई अहम फैसले हो सकते हैं।

कैबिनेट विस्तार के बाद हुई बैठक में लिए गए अहम फैसले

कैबिनेट विस्तार के तुरंत बाद हुई बैठक में कई अहम फैसले हुए थे। इसमें तय हुआ था कि किसानों को फायदा पहुंचाने से लेकर हेल्थ इमरजेंसी में कैसे सुधार लाए जाए, इस पर फैसले लिए गए थे।
कोरोना काल को देखते हुए बैठक में पीएम मोदी ने हेल्थ इमरजेंसी के लिए 23 हजार करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी थी।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में जो दिक्कतें हमारे सामने आईं, उसे देखते हुए 23 हजार करोड़ का नया पैकेज लाए हैं।
इस पैकेज में केंद्र 15 हजार करोड़ खर्च करेगा और राज्य सरकारों को 8 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मीटिंग में किसानों के कल्याण के लिए मंडियों को मजबूत करने पर जोर दिया गया। इसके लिए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के उपयोग के साथ-साथ लोन पर ब्याज में छूट की व्यवस्था भी की गई है।
कृषि मंत्री ने बताया कि एक लाख करोड़ रुपए मंडियों के जरिए किसानों तक पहुंचाए जाने का सरकार ने योजना बनाई है।

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