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छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश की सीमा पर मुठभेड़: 1 करोड़ के इनामी नक्सली हिडमा को मार गिराया

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आंध्र प्रदेश की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ की खबर सामने आई है. शुरुआती जानकारी में बताया जा रहा है कि इस भिड़ंत में कई नक्सली मारे गए हैं. बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने पुष्टि की है कि आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम जिले के मरेडपल्ली में मंगलवार सुबह हुई मुठभेड़ में 1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर हिडमा मारा गया है. इस मुठभेड़ में कुल छह नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी मिली है. आईजी के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में हिडमा की पत्नी राजे, जिस पर 40 लाख रुपये का इनाम था, भी शामिल है.

कम से कम 26 बड़े घातक हमलों का जिम्मेदार था हिडमा
हिडमा देश में हुए कम से कम 26 बड़े और घातक हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता था. 2013 के दरभा घाटी नरसंहार और 2017 के सुकमा हमले सहित कई हमलों में उसकी केंद्रीय भूमिका रही थी. वह लंबे समय से सुरक्षा बलों की निगरानी में था.

क्या है हिडमा का बैकग्राउंड?
हिडमा का जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पूवर्ति गांव में हुआ था. वह CPI (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य था और बस्तर क्षेत्र से सेंट्रल कमेटी में पहुंचने वाला एकमात्र आदिवासी भी था. वह PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, जिसे माओवादियों की सबसे घातक हमलावर इकाई माना जाता है. उसके साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे (राजक्का) भी मुठभेड़ में मारी गई. उसका असली नाम संतोष बताया जाता है.

वो हमले जिनमें हिडमा रहा मुख्य साजिशकर्ता
हिडमा कई वर्षों से सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में पहचान में था. वह इन कुख्यात हमलों में शामिल रहा:

2010 दंतेवाड़ा हमला: 76 सीआरपीएफ जवान शहीद

2013 झीरम घाटी नरसंहार: 27 लोग मारे गए, जिनमें शीर्ष कांग्रेस नेता शामिल

2021 सुकमा-बीजापुर मुठभेड़: 22 सुरक्षा कर्मी शहीद

मारे गए दो अन्य नक्सलियों की भी की जा रही पहचान
इसके अलावा टेक शंकर और चल्लुरी नारायण उर्फ सुरेश, जो स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था और जिस पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था. उसके मारे जाने की भी आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है. बाकी दो नक्सलियों की पहचान करने का काम आंध्र प्रदेश की ग्रेहाउंड्स पुलिस कर रही है. हिडमा की मौत को माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा और निर्णायक झटका माना जा रहा है.

छत्तीसगढ़ में रविवार को मार गिराए गए थे 3 नक्सली
इससे पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए थे, जिन पर कुल 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था.  पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण चव्हाण ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की एक टीम की सुबह भेज्जी और चिंतागुफा थाना क्षेत्रों के पर्वतीय इलाकों में नक्सलियों के साथ उस वक्त मुठभेड़ शुरू हो गई जब टीम क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर नक्सल रोधी अभियान पर निकली थी. उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच काफी देर तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही, जिसके बाद घटनास्थल से दो महिला नक्सलियों समेत तीन नक्सलियों के शव बरामद किए गए.

हथियारों का जखीरा भी बरामद
अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से .303 राइफल, बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल), अन्य हथियार एवं विस्फोटक भी बरामद किए गए. चव्हाण ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान एरिया कमेटी सदस्य मादवी देवा, सीएनएम (चेतना नाट्य मंडली- माओवादियों का एक सांस्कृतिक संगठन) कमांडर पोडियाम गंगी और किस्टाराम एरिया कमेटी सदस्य सोढ़ी गंगी के रूप में हुई है, दोनों महिलाएं थीं और प्रत्येक पर पांच लाख रुपये का इनाम था. अधिकारी ने बताया कि देवा, एक स्नाइपर विशेषज्ञ और माओवादियों की कोंटा एरिया कमेटी का एक खूंखार सदस्य था और कई निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल था.

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