Search
Close this search box.

तेजस्वी निकल गए नीतीश कुमार से आगे, कांटे की टक्कर, नए एग्जिट पोल के आंकड़ों ने चौंकाया

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान खत्म होने के बाद आए शुरुआती सर्वेक्षणों ने पूरे राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. वोट वाइब सर्वे के अनुसार इस बार मुकाबला बेहद करीबी माना जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव के बीच सत्ता की रेस बराबरी की स्थिति में दिख रही है. वहीं प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी सीमित स्तर पर अपना प्रभाव छोड़ा है, जिसने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है.

Vote Vibe Exit Poll 2025 के ताजा आंकड़ों के अनुसार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे अधिक पसंद किया गया है. हालांकि उनकी बढ़त बहुत ज्यादा नहीं है. सर्वे के मुताबिक, तेजस्वी यादव को लगभग 35 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया, जबकि नीतीश कुमार को करीब 33 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला है. जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर 9 प्रतिशत के आसपास मतदाताओं की पसंद बने हैं. इससे साफ है कि बिहार की जनता अब भी नीतीश और तेजस्वी के बीच बंटी हुई है और अंतिम नतीजा किसी भी दिशा में जा सकता है.

महिलाओं ने दिया NDA को बढ़त का भरोसा

इस बार महिला मतदाताओं ने एक बार फिर से नीतीश कुमार पर भरोसा जताया है. जीविका योजना के तहत दी गई आर्थिक सहायता ने महिलाओं के बीच NDA की पकड़ मजबूत की है. माना जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने बड़ी संख्या में NDA को वोट दिया, जिससे गठबंधन को अतिरिक्त बढ़त मिली है. यह वही कारक है जिसने 2020 के चुनावों में भी NDA को बढ़त दिलाई थी.

युवाओं का झुकाव महागठबंधन की ओर

युवा मतदाता इस बार महागठबंधन के पक्ष में थोड़ा झुके दिखाई दे रहे हैं. तेजस्वी यादव ने पूरे चुनाव प्रचार में रोजगार, सरकारी नौकरी और पलायन जैसे मुद्दों पर फोकस किया. यही कारण है कि बड़ी संख्या में युवाओं ने बदलाव के नाम पर मतदान किया. पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और गया जैसे शहरी इलाकों में युवाओं के बीच महागठबंधन की लोकप्रियता स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है.

NDA को हल्की बढ़त, लेकिन परिणाम अनिश्चित

कुल वोट प्रतिशत के हिसाब से NDA मामूली अंतर से आगे बताया जा रहा है. सर्वे के मुताबिक एनडीए को करीब 45 प्रतिशत, जबकि महागठबंधन को लगभग 42 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. जन सुराज पार्टी 5 प्रतिशत के आसपास वोट हासिल करती दिख रही है. यह छोटा-सा अंतर नतीजों को पूरी तरह बदल सकता है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर यही रुझान बना रहा तो नीतीश कुमार की वापसी संभव है, लेकिन अंतिम निर्णय मतगणना के दिन ही तय होगा.

जन सुराज बनी तीसरी ताकत

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने पहली बार बिहार की राजनीति में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. हालांकि यह पार्टी सत्ता की दौड़ में नहीं दिख रही, परंतु कई सीटों पर उसने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि जन सुराज का सीमित वोट शेयर भी अगर किसी एक पक्ष से ज्यादा कटा तो नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है.

admin
Author: admin

और पढ़ें