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बरेली में जुमे की नमाज से पहले कड़ी सुरक्षा, मुरादाबाद, प्रयागराज में भी अलर्ट

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बरेली में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के एक हफ्ते बाद जिला प्रशासन ने इस शुक्रवार की सामूहिक नमाज से पहले संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा कड़ी कर दी है.

जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुबह से ही भारी पुलिस बल के साथ शहर में गश्त करते देखे गए, जबकि आला हजरत दरगाह के मौलवियों ने निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की.

गत शुक्रवार को ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर से जुड़े विवाद को लेकर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन रद्द होने के बाद शहर में स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थीं. झड़पों में कई लोग घायल हुए थे, जबकि पुलिस ने हिंसा के लिए 10 प्राथमिकी दर्ज की थीं और सैकड़ों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अब तक मौलवी तौकीर रजा खान, उनके सहयोगियों और कुछ रिश्तेदारों सहित 70 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

जिला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह ने बताया कि पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बृहस्पतिवार रात को संवेदनशील इलाकों का दौरा किया और स्थानीय निवासियों से बातचीत की, जिन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का आश्वासन दिया.

सिंह ने कहा, ‘हम अब भी पैदल गश्त कर रहे हैं. व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं.’

चार सुपर जोन और आठ जोन में विभाजित बरेली

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि शहर को कड़ी निगरानी के लिए चार सुपर जोन और आठ जोन में विभाजित किया गया है और विशेष निगरानी के लिए अन्य जिलों से चार आईपीएस अधिकारियों को बुलाया गया है.

नौ महल मस्जिद, आला हजरत दरगाह मस्जिद, कोतवाली क्षेत्र की आजम नगर मस्जिद और बारादरी मस्जिदों सहित प्रमुख मस्जिदों के बाहर भारी पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात दिखाई दिया. ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की गई.

रोडवेज बाजार, कुतुबखाना, शिवाजी मार्ग, आलमगीरगंज, सराफा, सहमतगंज और किला बाजार जैसे बाजार शुक्रवार को खुले, लेकिन उनमें आम दिनों की तरह चहल-पहल नहीं थी. शहर में इंटरनेट पर भी प्रतिबंध जारी है.

इस बीच, आला हजरत दरगाह के सज्जादानशीन, बदरुश शरिया मुफ्ती अहसन मियां ने मुसलमानों से शांतिपूर्वक जुमे की नमाज अदा करने और घर लौटने का आग्रह किया.

उन्होंने एक अपील में कहा, ‘अफवाहों पर ध्यान न दें. हर कीमत पर शांति बनाए रखनी होगी.’

इसी क्रम में, मौलवी ने घोषणा की कि ‘ग्यारहवीं शरीफ’ के अवसर पर हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी के उर्स के उपलक्ष्य में पारंपरिक रूप से निकाला जाने वाला वार्षिक ‘जुलूस-ए-गौसिया’ इस वर्ष मौजूदा स्थिति को देखते हुए नहीं निकाला जाएगा. यह निर्णय अंजुमन गौस-ओ-रजा (टीटीएस) के साथ एक संयुक्त बैठक में लिया गया.

मुफ्ती अहसन मियां और अंजुमन अध्यक्ष हाजी शारिक नूरी ने कहा कि यह निर्णय केवल इस वर्ष के लिए लागू है और अगले वर्ष जुलूस पूरी भव्यता के साथ फिर से शुरू होगा.

प्रयागराज, मुरादाबाद में भी अलर्ट

उधर, बरेली हिंसा के बाद संगम नगरी प्रयागराज में भी अलर्ट है. चौक स्थित जामा मस्जिद समेत दूसरी मस्जिदों में जुमे की नमाज सकुशल संपन्न कराई गई य जुमे की नमाज सकुशल संपन्न होने से पुलिस और प्रशासन ने  राहत की सांस ली. जुमे की नमाज, मूर्ति विसर्जन और भरत मिलाप के मद्देनजर पुलिस अलर्ट मोड में है. अटाला और चौक इलाकों में पुलिस और पीएसी का फ्लैग मार्च कराया गया है.

इसके अलावा संवेदनशील अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस की चौकसी बढ़ाई गई है. डीसीपी सिटी मनीष कुमार शांडिल्य के मुताबिक हर बिंदु पर पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. कोई व्यक्ति सोशल मीडिया के जरिए माहौल खराब न करने पाए इसके लिए सोशल साइट्स की भी निगरानी की जा रही है. अगर कोई व्यक्ति अफवाह फैलता है तो उसके खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मुरादाबाद में शांतिपूर्ण माहौल में जुमे की नमाज संपन्न कराई गई. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुमे की नमाज संपन्न हुई पुलिस ने सड़कों पर मार्च निकालकर सुरक्षा का जायजा लिया. सीओ सुनीता दहिया और क्षेत्रीय पुलिस की मौजूदगी में कराई गई नमाज़ , ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई. बरेली की घटना के बाद मुरादाबाद के जामा मस्जिद चौराहे पर  पुलिस तैनात रही.

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