बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाकों में चकमा और बंगाली मूल निवासियों के बीच भड़के जातीय संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में तनाव और भय का माहौल पैदा कर दिया है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमलों में बौद्ध मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया, जबकि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों का कथित तौर पर बंगाली भीड़ को उकसाने के लिए इस्तेमाल किया गया.
इस हिंसा में कम से कम चार अल्पसंख्यक पुरुषों की मौत हुई और दर्जनों लोग घायल हुए. भारत ने भी इस हिंसा को लेकर बांग्लादेश सरकार पर निशाना साधा है.
भारत ने उठाई ये मांग
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है और अक्सर अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डालने की कोशिश करती है. उन्होंने कहा, “वे बेहतर होगा कि वे अपने देश में स्थानीय कट्टरपंथियों की कार्रवाई की गंभीर जांच करें, जो चटगांव पहाड़ी इलाकों में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा, आगजनी और जमीन पर कब्जा करने में शामिल हैं.”
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री को मिली है विशेष अनुमति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की भारत यात्रा पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने उन्हें 9 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली यात्रा के लिए विशेष अनुमति दी है.
भारत-कनाडा के साथ हुई बातचीत पर कही ये बात
रणधीर जायसवाल ने बताया कि हाल ही में 18 सितंबर को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बीच बैठक हुई. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर रचनात्मक बातचीत की.
‘पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा निर्दोष नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है. पाकिस्तान को उसके भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.”
