पाकिस्तानी सेना ने खैबर पख्तूनख्वा में अपने ही लोगों पर एयरस्ट्राइक किया, जिसमें करीब 30 लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने इन हवाई हमलों में मारे गए नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की है. एचआरसीपी कहा कि यह जानकर गहरा सदमा लगा है कि खैबर पख्तूनख्वा के खैबर जिले के तिराह में एयरस्ट्राइक से बच्चों सहित कई नागरिक मारे गए हैं.
‘जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराएं’
एचआरसीपी ने इस घटना की तुरंत और निष्पक्ष जांच करने की मांग की. एचआरसीपी ने कहा, “इसके मामले के जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराएं. एक देश संवैधानिक रूप से सभी नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करने के लिए बाध्य है, जिसे पाकिस्तान बार-बार सुरक्षित रखने में असफल रहा है.”
अपने ही लोगों पर पाकिस्तानी सेना की बर्बरता
पाकिस्तान ने अपने ही एक इलाके खैबर पख्तूनख्वा में बर्बर नरसंहार किया है. 21 और 22 सितंबर की दरमियानी रात को यह खबर सामने आई कि पाकिस्तान वायुसेना ने खैबर पख्तूनख्वा के तिराह घाटी क्षेत्र स्थित मत्रे दारा गांव, आका खेल शाल्दा पर हवाई हमला किया. पाकिस्तानी वायुसेना ने इन हमलों की पुष्टि की है. इस हमले में भारी तबाही हुई और करीब 30 नागरिकों की मौत हो गई. पाकिस्तानी वायुसेना के हमले में मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल बताए जा रहे हैं.
पाकिस्तान वायुसेना ने जेएफ-17 विमानों से गिराए बम
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक रात करीब 2 बजे के आस-पास पाकिस्तान वायुसेना के जेएफ-17 लड़ाकू विमानों ने गांव पर कम से कम आठ एलएस-6 बम गिराए. चश्मदीदों ने बताया है कि पाकिस्तानी वायुसेना के इस हमले में पूरा गांव तबाह हो गया है. यहां कई घरों के मलबे में अभी भी शव बिखरे पड़े हैं. गांव की गलियां और मकान खून और मलबे से पटे हुए हैं, जिससे यहां लोगों के बीच स्थिति बेहद भयावह हो गई है.
मानवाधिकार संगठनों ने जोर देकर कहा है कि युद्ध कानूनों का पालन, नागरिकों की सुरक्षा और दोषियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना पाकिस्तान सरकार की जिम्मेदारी है. वहीं यह हमला न सिर्फ पाकिस्तानी सेना की आंतरिक नीतियों और रवैये पर गंभीर सवाल उठाता है, बल्कि नागरिक अधिकारों और मानवता के लिए भी गहरी चिंता का विषय बन गया है.
