जेएनयू में छात्र संगठनों और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था. इन सभी के बीच और तमाम गतिरोध के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू में छात्र संघ चुनाव की बहुप्रतीक्षित तारीखों का आखिरकार एलान हो गया है. चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक, 15 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी, जबकि 16 अप्रैल को उम्मीदवार नाम वापस ले सकेंगे.
जेएनयू में कब क्या होगा?
छात्र संघ चुनाव के शेड्यूल के मुताबिक, 23 अप्रैल को प्रेजिडेंशियल डिबेट होगी, जो जेएनयू चुनाव की सबसे चर्चित परंपराओं में से एक है. इस दौरान अध्यक्ष पद के सभी उम्मीदवार छात्रों के सामने खुलकर अपने मुद्दे रखते हैं और सवालों के जवाब देते हैं. इसके बाद 25 अप्रैल को छात्र मतदान करेंगे और इसके तीन दिन बाद यानी 28 अप्रैल को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
चुनावी मैदान में कौन-कौन से संगठन?
जेएनयू के छात्रसंघ चुनाव में मुख्य रूप से लेफ्ट छात्र संगठन AISA , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का छात्र संगठन एबीवीपी, कांग्रेस एनएसयूआई,एसएफआई और बीएपीएसए जैसे प्रमुख छात्र संगठनों के बीच हर चुनाव में राजनैतिक लड़ाई देखी जाती है. हालांकि, जेएनयूएसयू में बीते कई वर्षों से लेफ्ट छात्र संगठनों का ही दबदबा रहा है.
चुनाव के लिए उठाए जाएंगे ये कदम
विश्वविद्यालय प्रशासन इस चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए अतिरिक्त उपाय करने जा रहा है. साथ ही, चुनाव के दौरान कैम्पस में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. जेएनयू छात्र संघ चुनाव केवल छात्र प्रतिनिधियों को चुनने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि पूरे देश में छात्र राजनीति की दिशा तय करने वाला मंच माना जाता है. ऐसे में छात्र और राजनीतिक विश्लेषक, दोनों की निगाहें 25 अप्रैल को होने वाले मतदान और 28 अप्रैल के नतीजों पर टिकी हैं.
