Search
Close this search box.

Balwant Singh Rajoana: आतंकी बलवंत राजोआना की फांसी माफी के लिए केंद्र को SC ने फिर दिया समय, कहा- ‘अगर फैसला नहीं हुआ तो हम करेंगे सुनवाई’

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आतंकी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी माफी की मांग पर मार्च में विचार करेगा. कोर्ट ने कहा है कि पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी राजोआना की दया याचिका पर अगर केंद्र सरकार फैसला नहीं लेती तो वह 18 मार्च को मामला सुनेगा.

इससे पहले 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव से कहा था कि वह दया याचिका की फाइल 2 सप्ताह में राष्ट्रपति के सामने रखें. अब जस्टिस बी आर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और के वी विश्वनाथन की बेंच ने एक बार फिर केंद्र सरकार को समय देते हुए सुनवाई 2 महीने टाल दी है.

राजोआना ने फांसी की सजा माफी के लिए राष्ट्रपति से की अपील

राजोआना पंजाब के तत्कालीन सीएम बेअंत सिंह की 1995 में हुई हत्या का दोषी है. उसका कहना है कि वह 29 साल से जेल में है. 12 साल से दया याचिका भी राष्ट्रपति के पास लंबित है. इसलिए अब उसकी फांसी माफ कर सजा उम्र कैद में बदल दी जाए.

3 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की फांसी को उम्र कैद में बदलने से मना कर दिया था. कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से राजोआना की दया याचिका पर जल्द फैसला लेने को कहा था. अब एक बार फिर उसने अपनी दया याचिका के निपटारे में हो रही देरी के आधार पर फांसी को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की है.

बेअंत सिंह की हत्या में राजोआना का अहम रोल

पंजाब पुलिस का पूर्व कांस्टेबल बलवंत राजोआना आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा है. 31 अगस्त 1995 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या हुई थी. राजोआना को 1 अगस्त 2007 को चंडीगढ़ की एक विशेष सीबीआइ अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. इसमें दूसरे आतंकियों के अलावा मुख्य रूप से बलवंत और दिलावर सिंह शामिल थे. दिलावर ने आत्मघाती बम विस्फोट कर बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या कर दी थी. घटनास्थल पर दिलावर के बैकअप के रूप में मौजूद राजोआना फरार हो गया था.

22 दिसंबर 1995 को बलवंत पकड़ा गया. 2007 में उसे निचली अदालत ने फांसी की सजा दी. 2010 में हाई कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा. बलवंत ने खुद तो दया याचिका दाखिल नहीं की, लेकिन 2012 में उसकी फांसी से पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेज दी. तब उसकी फांसी पर रोक लग गई, लेकिन दया याचिका पर अब तक फैसला नहीं हुआ है.

राजोआना ने सुप्रीम कोर्ट से राहत की की थी मांग

2019 में गुरु नानक की 550 जयंती के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्र कैद में बदलने की घोषणा की, लेकिन अब तक इस पर औपचारिक आदेश जारी नहीं हुआ. इसे आधार बनाते हुए पिछले साल आतंकी ने सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग की थी. उस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इसे पंजाब की कानून व्यवस्था के लिहाज से बहुत संवेदनशील मामला बताया था. सरकार ने अनुरोध किया था कि कोर्ट इस पर कोई आदेश न दे.

admin
Author: admin

और पढ़ें