पन्नू मामले में ‘वांटेड’ विकास यादव को दिल्ली पुलिस ने नवंबर में किया था गिरफ्तार! रिपोर्ट का दावा
खालिस्तान समर्थक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में अमेरिका ने जिस विकास यादव को मुख्य आरोपी बताया है. उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया था. पिछले साल नवंबर में अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) के दस्तावेजों में “सीसी-1” (सह-साजिशकर्ता) के रूप में उल्लेख किए जाने के तीन सप्ताह से भी कम समय बाद यह गिरफ्तारी हुई थी.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तिहाड़ जेल में चार महीने बिताने के बाद विकास यादव को इस साल अप्रैल में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. बता दें कि शुक्रवार को विकास यादव का नाम डीओजे की ओर से लिया गया और उस पर कथित पन्नू हत्या की साजिश रचने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया. डीओजे अभियोग में “भारतीय सरकारी कर्मचारी” के रूप में नामित विकास यादव पर एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार (18 अक्टूबर 2024 ) को कहा कि वह भारत सरकार के ढांचे का हिस्सा नहीं था. दिल्ली में उसकी गिरफ्तारी और उसके बाद जमानत पर रिहाई से साफ होता है कि वह भारत सरकार का हिस्सा नहीं है.
क्या है पूरा मामला
विकास यादव को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 18 दिसंबर, 2023 को रोहिणी निवासी एक शख्स की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद अरेस्ट किया गया था. रोहिणी के शख्स ने आरोप लगाया था कि विकास ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर उनसे जबरन वसूली और अपहरण का आरोप लगाया था. पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह एक आईटी कंपनी चलाते थे और उन्होंने पश्चिम एशिया में बसे कई भारतीयों के साथ संपर्क स्थापित किया था. पिछले साल नवंबर में मेरे एक दोस्त ने मुझे विकास यादव से एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के रूप में मिलवाया और हमने अपने नंबर एक-दूसरे से शेयर किए. हम अच्छे दोस्त बन गए, लेकिन सरकारी अधिकारी होने के कारण हमने कभी व्यापार के बारे में बात नहीं की. हालांकि, वह हमेशा विदेश में रहने वाले मेरे दोस्तों के बारे में उत्सुकता दिखाता था.
उन्होंने आरोप लगाया कि यादव ने उन्हें बताया कि वह एक अंडरकवर एजेंट हैं जो एक केंद्रीय एजेंसी के लिए एक संवेदनशील ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन उसने कभी भी अपना पद या कार्यालय का पता नहीं बताया. उन्होंने शिकायत में कहा, “11 दिसंबर को, उसने मुझे फोन किया और बताया कि वह कुछ गंभीर बात करना चाहता है और यह मेरी जिंदगी से जुड़ा है. उसके कहने पर मैं उससे मिलने लोधी रोड चला गया. वहां विकास यादव एक साथी के साथ एक वाहन में आया और दोनों मुझे जबरन डिफेंस कॉलोनी के पास एक फ्लैट में ले गए. वहां विकास यादव ने कहा कि तुम्हें खत्म करने के लिए एक सुपारी मिली है, जो दुबई स्थित एक व्यक्ति के कहने पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की ओर से दी गई है. इसके बाद यादव के साथी ने मुझसे सोने की चेन और कुछ अंगूठियां छीन लीं. इसके बाद मुझसे कुछ कैश निकलवाया.
पिता सीमा सुरक्षा बल में थे तैनात
चार्जशीट का हवाला देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने पुलिस को बताया था कि उसके पिता सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत थे और 2007 में उनकी मृत्यु हो गई. यादव की शादी 2015 में हुई थी. वह शिकायतकर्ता से एक प्रोग्राम में मिला था. उसने उसका अपहरण पैसा कमाने के लिए किया था. विकास यादव के सहयोगी ने बताया कि वह कार डीलर के रूप में काम करता है, लेकिन पिछले कुछ समय से कारोबार में घाटेसे परेशान था. इसलिए वह यादव के साथ इस वारदात में शामिल हुआ था.
22 अप्रैल को जेल से हुआ था रिहा
रिपोर्ट के मुताबिक, तिहाड़ जेल के सूत्रों ने कहा कि यादव को 23 दिसंबर को केंद्रीय जेल नंबर 1 में रखा गया था. उसे 22 मार्च को अंतरिम जमानत दी गई थी. आदेश में, पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने लिखा, “यह यादव की ओर से अपनी एक वर्षीय बेटी की बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत देने के लिए दायर की गई जमानत याचिका है. आरोपी एक पूर्व सरकारी कर्मचारी है और उसका पिछला इतिहास साफ है. उसे 30,000 रुपये की जमानत राशि और एक जमानती पेश करना होगा.’ इसके बाद’ 22 अप्रैल 2024 को यादव नियमित जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आ गया.