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स्मृति ईरानी ने खाली किया सरकारी बंगला, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता ने दी थी करारी शिकस्त

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता स्मृति ईरानी  से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. उन्होंने लुटियंस दिल्ली में 28 तुगलक क्रीसेंट स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 में हारने वाली सांसदों को 11 जुलाई तक अपना सरकारी आवास खाली करना था. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. स्मृति ईरानी लोकसभा चुनाव 2024 में हार गई थीं.

अमेठी से चुनाव हार गई थीं स्मृति ईरानी 

बीजेपी की दिग्गज नेता स्मृति ईरानी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वो अपनी सीट को बचाने में कामयाब नहीं रहीं. कांग्रेस नेता किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को हरा दिया था. किशोरी लाल ने  स्मृति ईरानी को डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी थी. हालांकि चुनाव में स्मृति ईरानी की जीत पक्की मानी जा रही थी, लेकिन उनकी हार ने सियासी खेमों में सबको चौंका दिया.

स्मृति ईरानी ने राहुल को दी थी चुनौती

आम चुनाव 2024 में स्मृति ईरानी को करीब 3 लाख 72 हजार मत मिले, जबकि कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा को 5 लाख 39 हजार मत मिले. इस जीत के साथ किशोरी लाल शर्मा ने अपने पहले ही चुनाव में स्मृति ईरानी को हराकर बड़ी जीत दर्ज की थी. स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इस सीट से लड़ने की चुनौती दी थी, लेकिन राहुल गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने के ऐलान किया. कांग्रेस के इस सियासी दांव की राजनीति के बड़े-बड़े जानकारों ने भी तारीफ की थी.

2019 में ईरानी ने राहुल को दिया था हरा

दरअसल, 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी को हराया था. ऐसा कर बीजेपी में स्मृति ईरानी का कद अचानक से काफी ऊंचा हो गया. इसके बाद उनको मोदी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिली और उनको केंद्रीय मंत्री बनाया गया. हालांकि तब राहुल गांधी अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़े थे. राहुल गांधी को अमेठी से हार मिली, लेकिन वायनाड से उनको जीत मिली. इस तरह वे 2019 में अपनी सांसदी बचाने में कामयाब रहे थे.

10 सालों से बंगले में रह थीं स्मृति ईरानी 

स्मृति ईरानी ने गुरुवार को जिस बंगले को खाली किया, वो उसमें पिछले 10 साल से रही थीं. अब उनके नाम की प्लेट बंगले के सामने से हटा दी गई है. हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि किस नवनिर्वाचित किस सांसद को ये बंगला मिलेगा.

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