मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू पर काला जादू-टोना कर निकटता हासिल करने की कोशिश में लगी एक महिला मंत्री को पुलिस ने अरेस्ट किया है. फातिमा शमनाज अली सलेम पर्यावरण मंत्रालय में राज्यमंत्री हैं. माले की मीडिया के मुताबिक उनको क्रिमिनल कोर्ट में पेश किया गया जहां उनको सात दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजे जाने का आदेश दिया गया. हालांकि अधिकारिक रूप से इस घटनाक्रम की कोई पुष्टि नहीं की गई है. हालांकि इस बारे में मीडिया से बात करते हुए पुलिस के असिस्टेंट कमिश्नर अहमद शिफान ने कहा कि पुलिस शमनाज और दो अन्य के खिलाफ एक केस की जांच कर रही है. इससे ज्यादा उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. शमनाज की गिरफ्तारी से पहले उनके घर की तलाशी भी ली गई. जहां से कुछ सामान जब्त किया गया है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उसका इस्तेमाल काला जादू करने के लिए किया गया होगा.
शमनाज के पूर्व पति अदम रमीज भी राष्ट्रपति कार्यालय में मंत्री हैं. इससे पहले राष्ट्रपति मोइज्जू जब माले के मेयर के थे तो उस सिटी कौंसिल में शमनाज पार्षद थीं. मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कौंसिल से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति भवन में राज्य मंत्री नियुक्त की गईं. बाद में उनका ट्रांसफर पर्यावरण मंत्रालय में कर दिया गया. सरकार ने अभी तक इस मसले पर कोई आपराधिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कौन हैं शमनाज?
स्थानीय मीडिया में ये भी कहा जा रहा है कि शमनाज के पूर्व पति अदम रमीज को भी निलंबित किया गया है. वह भी पहले राष्ट्रपति मोइज्जू के करीबी हुआ करते थे. लेकिन हालिया कई महीनों से उन्हें मुइज्जू के साथ नहीं देखा गया है. शमनाज के तीन बच्चे हैं. उनमें से एक की उम्र एक वर्ष से भी कम है. कहा जा रहा है कि हाल ही में दोनों का तलाक हुआ है. ये अभी पता चल नहीं सका है कि इस जादू-टोने में अदम रमीज शामिल हैं या नहीं. फातिमा के साथ जो दो लोग अरेस्ट हुए हैं उनमें से एक उनका भाई है.
काला जादू
मालदीव में काला जादू को स्थानीय भाषा में फंडिया या सिहुरू कहा जाता है. इस्लामी कानून में इसको गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है लेकिन मालदीव में इसका व्यापक प्रयोग होता है. इसको देखते हुए 2015 में इस्लामी मंत्रालय ने सार्वजनिक चेतावनी जारी की थी कि समाज में काला जादू का प्रयोग बढ़ रहा है और लोगों को ऐसी कुप्रथाओं से दूर रहना चाहिए.
मोहम्मद मुइज्जू
पिछले साल सितंबर में मालदीव के राष्ट्रपति बने. भारत विरोधी रुख और चीन के करीबी माने जाते हैं. राष्ट्रपति बनते ही वहां से भारतीय सैनिकों को हटाने का फैसला लिया था. इस वजह से दोनों देशों के रिश्तों में हालिया दौर में तल्खी बढ़ी है.
