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Explainer: मोदी के गढ़ में BJP ने झोंकी ताकत, प्रचार में दिग्गजों को उतारा, जानें- वाराणसी लोकसभा सीट का हाल

25 मई को हुए छठे चरण के मतदान के बाद पूर्वांचल में चुनाव बढ़ चला है. पूर्वांचल की वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज, गाजीपुर, घोसी, बलिया में 1 जून को सांतवें चरण का चुनाव होगा. इनमें से सबसे ज्यादा हॉट सीट वाराणसी है. इस सीट से तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. यही वजह है कि इस सीट को मोदी का गढ़ कहना गलत नहीं होगा. मोदी को जिताने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है.

पार्टी ने 10 लाख से अधिक वोटों से प्रधानमंत्री की जीत का लक्ष्य रखा है. इसके लिए पार्टी ने मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत पार्टी के दिग्गज नेताओं की पूरी फौज वाराणसी में उतार दी है. आइए जानते हैं वाराणसी लोकसभा सीट का पूरा सियासी हाल?

वाराणसी में आज दिग्गजों की रैलियां

वाराणसी इस समय बीजेपी का पावर सेंटर बना हुआ है. पार्टी के दिग्गज नेता आज यानी सोमवार को वाराणसी में रैलियां करेंगे और पीएम मोदी की जीत को सुनिश्चित करने के लिए हुंकार भरेंगे. गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी में अलग-अलग जन सभाएं करेंगे. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तो वाराणसी पहुंच भी गए हैं. वह पीएम मोदी को चुनाव इतिहास की सबसे बड़ी जीत दिलाने के लक्ष्य को पूरा करने में जुट गए हैं. उन्होंने सोमवार सुबह काल भैरव और विश्वनाथ में दर्शन पूजन किया. इसके बाद वह लक्सा में मारवाड़ी समाज के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद शाम में चौका घाट में बुनकरों से संवाद करेंगे. शाम 6 बजे के बाद वह प्रभावी मतदाता सम्मेलन में सरोजा पैलेस कबीरचौरा में शामिल होंगे.

गृहमंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी पीएम मोदी के लिए प्रचार करने में पूरजोर से जुट गए हैं. वह आज दोपहर तीन बजे के बाद चंदौली लोकसभा सीट के वाराणसी में पड़ने वाले गोसाईगंज इलाके में जनसभा को संबोधित करेंगे. अमित शाह ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को घेरने के लिए खास रणनीति बनाई है. उनके निशाने पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव रहेंगे.

वहीं, योगी आदित्यनाथ भी आज वाराणसी में रहेंगे. वह दोपहर बाद वाराणसी में दो कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. इसमें अधिवक्ता सम्मेलन भी है. इसके अलावा अल्पसंख्यक नेता भी वाराणसी पहुंचने लगे हैं. बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी भी वाराणसी में ही हैं, जो अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में बीजेपी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं.

मोदी को जिताने के लिए BJP की प्लानिंग

बीजेपी ने वाराणसी से पीएम मोदी को जिताने के लिए तगड़ी प्लानिंग बनाई है. इसके पार्टी का विजन बिल्कुल क्लेयर है कि प्रधानमंत्री को 10 लाख से अधिक वोटों से जितवाना है. इस टार्गेट को पूरा करने के लिए पार्टी ने अपना पूरा दमखम लगा दिया. इसके लिए केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और सांसद-विधायकों की टीम वाराणसी में उतार दी गई. ये सभी नेता वाराणसी की गली-गली में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक हस्ती प्रधानमंत्री के लिए वोट की अपील कर रहे हैं. पार्टी का पूरा जोर जनसभाओं और डोर-टू-डोर कैंपेन पर है. बीजेपी ने वाराणसी में इस समय केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, प्रादेशिक मंत्री और विधायकों के साथ ही साथ स्टार प्रचारकों की फौज उतार दी है.

वाराणसी में केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर, तमिलनाडु विधानसभा से विधायक और बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानति श्रीनिवासन, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, उत्तरी दिल्ली लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद मनोज तिवारी पीएम मोदी को वोट करने के लिए अपील कर चुके हैं. इनके अलावा प्रदेश के मंत्री और विधायक भी वाराणसी में मौजूद हैं, जो डोर-टू-डोर कैम्पेन को धार दे रहे हैं. पीएम मोदी के चुनाव को लेकर बीजेपी नेताओं का जोश बहुत हाई है, इसलिए वह कई दिनों से वाराणसी में डेरा जमाए हुए हैं.

‘विपक्ष के झूठ का पर्दाफाश करें’

आज से पहले बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 24 मई को वाराणसी पहुंचे थे. उन्होंने केंद्रीय कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी. मीटिंग में उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को चुनाव में धार लाने और प्रधानमंत्री की अधिक से अधिक मार्जिन वोटों से जीत सुनिश्चित करने का मंत्र दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष को घेरने की रणनीति पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से कहा था कि विपक्ष के झूठ का पर्दाफाश करें. उन्होंने कहा कि विपक्ष को धारा 370, राम मंदिर, ट्रिपल तलाक और धर्म के आधार पर आरक्षण पर करारा जवाब देंगे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जनता के बीच जाएं और विपक्षी की सोच को उजागर करें. ताकि प्रधानमंत्री की जीत का मार्जिन बढ़ सके.

25 मई को योगी ने भरी थी हुंकार

अगले दिन, यानी 25 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में हुंकार भरी थी. उन्होंने अस्सी घाट पर जनसभा को संबोधित किया था, जिसमें 30 हजार से अधिक लोग पहुंचे. योगी ने अपने भाषण में इंडिया गठबंधन पर जमकर हमला किया था. उन्होंने लोगों को बताया कि अगर कांग्रेस आ गई तो वो पर्सनल लॉ लागू करेगी. इस नियम के लागू होने के बाद लड़कियां स्कूल नहीं जा सकेंगी. घर के अंदर बुर्का पहनकर रहना पड़ेगा. तालिबान शासन लागू हो जाएगा. ऐसे में बीजेपी को वोट देकर प्रधानमंत्री को विजयी बनाएं.

26 मई को वाराणसी में थे जयशंकर

विदेश मंत्री एय जयशंकर रविवार को वाराणसी पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले सनबीम वरुणा में पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों संग बैठक कर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाया. इसके बाद वे तमिल भाषियों के पीठ ‘कांची’ पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा की और तमिल भाषियों से मुलाकात कर उनके दुख दर्द को समझा. इसके बाद जयशंकर देर शाम बनारस क्लब पहुंचे और शहर के एलीट वर्ग से बातचीत की और कहा कि देश को सही दिशा में ले जाने के लिए सही बटन इस चुनाव में दबाना होगा. साथ ही उन्होंने लोगों से प्रधानमंत्री को बंपर वोटों से जिताने की अपील की.

MP के CM मोहन ने भी की जनसभा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी वाराणसी में जनसभा की. उन्होंने भी लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देने की अपील की. उन्होंने जनता से बीजेपी को वोट देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि बाबा विश्वनाथ की नगरी में प्रधानमंत्री चुनाव लड़ रहे हैं. मुझे यकीन है कि इस बार भी यहां कि जनता उन्हें एक बड़े मार्जिन से जिताकर संसद में भेजेगी. बता दें कि जनसभा करने से पहले सीएम मोहन यादव ने सीर गोवर्धनपुर में संत रविदास की जन्मस्थली पर मत्था टेका था.

वाराणसी लोकसभा सीट का हाल

1991 से वाराणसी लोकसभा सीट पर बीजेपी पर दबदबा रहा है. 1991 के आम चुनाव में यहां पार्टी के कैंडिडेट श्रीश चंद्र दीक्षित जीते थे. 1996, 1998, 1999 तक शंकर प्रसाद जायसवाल यहां से बीजेपी के सांसद थे. हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला था. इस सीट कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा ने जीत हासिल की थी. लेकिन लोकसभा चुनाव 2009 में फिर एक बार यह सीट बीजेपी के खाते में गई. तब मुरली मनोहर जोशी सांसद यहां से बने थे. तब से अब तक यह सीट बीजेपी के खाते में बनी हुई है. 2014, 2019 के आम चुनावों के बाद पार्टी ने तीसरी बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सीट पर खड़ा किया है.

2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने करीब 6 लाख वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी शालिनी पाठक को करारी शिकस्त दी थी. इस बार इंडिया गठबंधन ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अजय राय को खड़ा किया है. चुनावी इतिहास बता रहा है कि इस सीट पर बीजेपी का दबदबा है, फिर भी विपक्ष मोदी को हराने के लिए पूरजोर कोशिश में जुटा हुआ है.

वाराणसी में कभी नहीं हुई SP-BSP की जीत

अब तक 17 लोकसभा चुनावों की बात की जाए तो वाराणसी लोकसभा सीट पर एक बार भी सपा बसपा की जीत नहीं हुई है. हालांकि यहां से कांग्रेस प्रत्याशी जितते आए हैं. इसके अलावा यहां से एक-एक बार जनता दल और सीपीएम उम्मीदवार को भी जीत हासिल हुई है. वहीं, भारतीय लोकदल ने भी इस सीट पर एक बार जीत दर्ज की है.

वाराणसी लोकसभा सीट का जातीय समीकरण

वाराणसी लोकसभा सीट पर गैर यादव ओबीसी कुर्मी जाति की संख्या काफी ज्यादा है. संसदीय क्षेत्र के रोहनिया और सेवापुरी में सब्से ज्यादा कुर्मी वोटर हैं. ब्राह्मण और भूमिहार भी संख्या भी काफी अच्छी खासी है. यहां 3 लाख से ज्यादा ओबीसी समुदाय के वोटर हैं. इसमें से 2 लाख से ज्यादा कुर्मी वोटर हैं. 2 लाख के करीब वैश्य, डेढ़ लाख भूमिहार के अलावा एक लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं. वाराणसी में 3 लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटरों की संख्या है.

गौरतलब है कि कि सातवें चरण में 1 जून को 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 57 संसदीय क्षेत्रों के लिए मतदान होगा. इनमें उत्तर प्रदेश और पंजाब की 13-13 सीटें, पश्चिम बंगाल की 9 सीटें, बिहार की 8 सीटें, ओडिशा की 6 सीटें, हिमाचल प्रदेश की 4 सीटें, झारखंड की 3 सीटें और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की 1 सीट पर वोटिंग होगी. इस चरण में कुल 904 उम्मीदवार मैदान में हैं.

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