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नमो भारत के चलने से दिल्ली-NCR में क्या-क्या आएंगे बदलाव, आमजन की जिंदगी पर कितना पड़ेगा असर?

दुहाई से मेरठ तक नमो भारत (रैपिडएक्स) ट्रेनें भले ही 2024-25 में दौड़नी शुरू होंगी लेकिन पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाने से इस पूरे मार्ग के आसपास रियल एस्टेट कारोबार को भी नई रफ्तार मिलेगी। जीडीए ने रैपिडएक्स ट्रेनों के सभी स्टेशनों के आसपास 1.5 किलोमीटर की परिधि में टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) क्षेत्र घोषित किए हैं। इस क्षेत्र में मिश्रित भू-उपयोग को मंजूरी मिल सकेगी। यानी नीचे व्यावसायिक और ऊपर आवासीय बहुमंजिला इमारतें बन सकेंगी। गाजियाबाद क्षेत्र में साहिबाबाद से लेकर मोदीनगर तक रैपिडएक्स रेल कॉरिडोर के दोनों ओर मॉल्स-मल्टीप्लेक्स, ग्रुप हाउसिंग, स्कूल, कॉलेज सर्विस सेक्टर की इंडस्ट्रीज और औद्योगिक इकाइयां भी लग सकेंगी।

जीडीए ने दुहाई और दुहाई डिपो के आसपास 1049 एकड़ जमीन को कर रखा है रिजर्व
रैपिडएक्स कॉरिडोर के आसपास विकास की संभावनाओं को देखते हुए जीडीए ने मास्टर प्लान-2031 में दुहाई और दुहाई डिपो के आसपास 1049 एकड़ जमीन पर विशेष विकास क्षेत्र के लिए भू-उपयोग रिजर्व कर दिया है। इस क्षेत्र में वेयर हाउस, ट्रांसपोर्ट एरिया भी विकसित हो सकेगा। सरकार की रैपिडएक्स ट्रेन से माल ढुलाई करने की भी योजना है, ऐसे में दुहाई के आसपास इस विशेष विकास क्षेत्र में भी विकास को पंख लगने की उम्मीद है।
एक लाख वाहन सड़कों से हटेंगे, साफ होगी हवा
रैपिडएक्स रेल कॉरिडोर पर दिल्ली से मेरठ तक ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाने से न केवल लोगों को सुगम यात्रा का बेहतरीन माध्यम मिल जाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी। एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार 2025 में रैपिडएक्स ट्रेनों से रोजाना करीब आठ लाख लोग सफर करने लगेंगे। अनुमान है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक सशक्त माध्यम मिल जाने के कारण इस मार्ग पर करीब एक लाख वाहन कम हो जाएंगे। इससे वायु प्रदूषण में भी कमी आ जाएगी। दरअसल, मेरठ, मोदीनगर, मुरादनगर से गाजियाबाद और दिल्ली के बीच रोजाना लाखों लोग बसों और निजी वाहनों से सफर करते हैं। इनके अलावा मालवाहक वाहन भी बड़ी संख्या में इस रूट पर दौड़ते हैं। ऐसे में सराय काले खां से मेरठ तक कॉरिडोर पूरा हो जाने के बाद लोगों को निजी वाहनों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दिल्ली से महज 55 मिनट में मेरठ तक का सफर पूरा हो जाएगा। ऐसे में उम्मीद है कि लोग निजी वाहनों की बजाय रैपिडएक्स ट्रेनों का लग्जरी सफर करना ज्यादा पसंद करेंगे।
आसमान छूने लगे दाम
रैपिडएक्स रेल कॉरिडोर पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाने के कारण इसके आसपास जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं। अवैध कॉलोनियों में जहां एक साल पहले तक 15 हजार रुपये प्रतिवर्ग गज के दाम थे, वहीं अब 25 से 30 हजार रुपये प्रति वर्गगज पर पहुंच गए हैं। रैपिडएक्स रेल कॉरिडोर का फायदा अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले कॉलोनाइजर उठा रहे हैं। वहीं इस कॉरिडोर के आसपास के किसानों ने भी विकास की संभावनाओं को देखते हुए अब अपनी जमीनों के दाम बढ़ा दिए हैं।
टोल के झंझट से भी मिलेगी मुक्ति
प्राइवेट वाहन से अगर सफर करते हैं तो वाया मोदीनगर होकर जाना मुश्किल होता है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से सफर कर रहे हैं। इस पर लोगों को महंगा टोल शुल्क चुकाना पड़ रहा है। रैपिडएक्स ट्रेनों का परिचालन मेरठ तक शुरू हो जाने के बाद कार जैसा आरामदायक सफर लोग इन ट्रेनों में कर सकेंगे। लोगों को न तो महंगे पेट्रोल-डीजल पर खर्च करना पड़ेगा और न ही टोल पर जेब ढीली करनी पड़ेगी।
नौकरीपेशा के लिए अब दिल्ली दूर नहीं
रैपिडएक्स ट्रेन का संचालन शुरू हो जाने से अब नौकरीपेशा लोगों को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी। न सिर्फ गाजियाबाद, साहिबाबाद से बल्कि मुरादनगर, मोदीनगर और मेरठ से रोजाना लाखों की संख्या में लोग नौकरी करने दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद जाते हैं। मेरठ से गाजियाबाद और दिल्ली तक पहुंचने में ही उन्हें दो से ढाई घंटे का समय लग जाता था। ऐसे नौकरीपेशा लोगों के पांच से छह घंटे रोजाना सफर में बीत जाते थे। रैपिडएक्स रेल कॉरिडोर मेरठ से दिल्ली तक शुरू हो जाने के बाद यह सफर रोजाना महज दो घंटे का रह जाएगा।
मोदीनगर, मुरादनगर, मेरठ और गाजियाबाद के लोगों को अब नौकरी करने के लिए दिल्ली में बसने की जरूरत नहीं हैं। वह रैपिडएक्स रेल के माध्यम से रोजाना आवागमन कर सकते हैं। मेट्रो की तरह रैपिडएक्स रेल का परिचालन सुबह छह बजे से शुरू हो जाएगा और रात 11 बजे आखिरी ट्रेन चलेगी। यानी शाम की शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारी भी आसानी से इस ट्रेन से ड्यूटी पर जा सकते हैं। इस ट्रेन के संचालन से न केवल दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी घट जाएगी, बल्कि ऐसे लोगों के लिए यह सफर किफायती भी होगा जिन्हें नौकरी के लिए मेरठ को छोड़कर दिल्ली में बसना पड़ रहा था।
हैं तैयार हम : रैपिडएक्स का स्टाफ आपको कराएगा सुखद यात्रा
रैपिडएक्स ट्रेन से सफर करना आपके लिए सुखद और आरामदायक होगा। इस सफर को सुखद और आरामदायक बनाने के लिए एनसीआरटीसी और ट्रेन का परिचालन, प्रबंधन और मेंटनेंस संभालने वाली कंपनी डीबी इंडिया का करीब 150 कर्मचारियों का स्टाफ दिनरात काम करेगा। इन 150 कर्मचारियों में करीब 60 फीसदी महिला कर्मचारी ट्रेन चलाने से लेकर स्टेशन कंट्रोलिंग का काम करेंगी और आपको समय से गंतव्य तक पहुंचाएंगी। बाकी तकरीबन 40 फीसदी स्टाफ में पुरुष कर्मचारी टिकट काउंटर से लेकर ट्रेनों का परिचालन का काम संभालेंगे।

रैपिडएक्स ट्रेनों को चलाने और स्टेशन पर बैठकर रेल ट्रैफिक को कंट्रोल करने में गाजियाबाद की बेटियां भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही हैं। गाजियाबाद की रहने वाली रेशम कई महीने से साहिबाबाद से दुहाई तक प्राथमिकता वाले खंड पर ट्रेन का संचालन कर रही हैं। देश की पहली रैपिडएक्स रेल को चलाकर रेशम का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। साहिबाबाद स्टेशन पर स्टेशन कंट्रोलर के रूप में गाजियाबाद की ही रहने वाली अंजू गोस्वामी जिम्मेदारी निभा रही हैं। इनके समेत कई महिला कर्मचारी रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन में अहम भूमिका निभाकर बदलते भारत में नाम रोशन कर रही हैं।
नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद तक भी जाएगी रैपिडएक्स
रैपिडएक्स ट्रेन सिर्फ दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ को ही नहीं, बल्कि पूरे एनसीआर के शहरों को रफ्तार देगी। एनसीआरटीसी की प्लानिंग दो चरणों में कुल आठ कॉरिडोर पर रैपिडएक्स ट्रेनें चलाने की है। पहले चरण में दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के अलावा दिल्ली से वाया गुरुग्राम होते हुए अलवर तक और दिल्ली से पानीपत तक दो और कॉरिडोर बनाकर ट्रेनों का परिचालन शुरू करने की है। दिल्ली से गुरुग्राम कॉरिडोर पर अलाइनमेंट तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर कॉरिडोर पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बाद पहले चरण के दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर पर काम शुरू होगा। इन तीन कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने के बाद दूसरे चरण में पांच कॉरिडोर बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में दिल्ली-फरीदाबाद-पलवल कॉरिडोर, गाजियाबाद-खुर्जा कॉरिडोर, दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक कॉरिडोर, गाजियाबाद-हापुड़ कॉरिडोर, दिल्ली-शाहदरा-बडौत कॉरिडोर का काम शुरू होगा। दोनों चरण पूरे हो जाने से यूपी के पांच जिले गाजियाबाद, मेरठ, खुर्जा, हापुड़ और बागपत रैपिडएक्स कॉरिडोर से जुड़ जाएंगे।
अवैध कॉलोनियां भी तेजी से होने लगी विकसित
रैपिडएक्स रेल कॉरिडोर का काम पूरा हो जाने और परिचालन शुरू हो जाने की खबरों से ही इस क्षेत्र में रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से बढ़ने लगा है। न केवल बिल्डर प्रोजेक्ट बल्कि कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां भी तेजी से विकसित हो रही हैं। मोरटा, मोरटी, सिकरोड, भिक्कनपुर, दुहाई, गुलधर, मधुबन-बापूधाम, सदरपुर, बसंतपुर सैंथली, हिसाली के आसपास जीडीए से स्वीकृति के बिना कई कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं। कॉलोनाइजर इन कॉलोनियों के अवैध होने के बावजूद रैपिडएक्स स्टेशन के नजदीक होने की खासियत बताकर लोगों को प्लॉट बेच रहे हैं। लोग भी रैपिडएक्स ट्रेन से बेहतर कनेक्टिविटी होने की वजह से इन कॉलोनियों में प्लॉट खरीद रहे हैं।

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