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विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, भारत विरोधी रवैया… आर्टिकल-370 मामले की सुनवाई में आया नया एंगल

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल-370 निरस्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान जब कोर्ट में याचिकाकर्ता मोहम्मद अकबर लोन मौजूद थे तब पाकिस्तान का नाम लिए जाने के बाद एक नया एंगल सामने आया है. कश्मीरी पंडितों के एनजीओ ‘रूट्स इन कश्मीर’ ने नेशनल कांफ्रेंस के सांसद मोहम्मद अकबर लोन के रवैये को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए.

एनजीओ ने मोहम्मद अकबर लोन के भारत विरोधी रवैये का मामला कोर्ट में उठाया. एनजीओ ‘रूट्स इन कश्मीर’ के एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अकबर लोन ने राज्य विधानसभा में 2018 में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाया था. इसके बाद सॉलिसीटर जनरल ने भी मांग की कि कोर्ट अकबर लोन से एक हलफनामा मांगे जिसमें वह अलगाववाद और पाकिस्तान की आतंकवादी हरकतों का विरोध करें.

एनजीओ ने 11 फरवरी 2018 के अखबारों की कुछ प्रतियां भी सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी. एनजीओ ने कोर्ट से कहा, “अकबर लोन एक संसद सदस्य हैं. लोन मीडिया को संबोधित करते समय खुद को एक भारतीय कहने में झिझक महसूस करते हैं. लोन अपनी राजनीतिक रैलियों में पाकिस्तान समर्थक भावनाएं फैलाने के लिए भी जाने जाते हैं.”

क्या है ये पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फरवरी 2028 में सुंजुवान सैन्य शिविर में आतंकी हमले के विरोध में बीजेपी नेताओं ने विधानसभा में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए, इसके बाद अकबर लोन ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए. जहां हमला हुआ था वो अकबर लोन के विधानसभा क्षेत्र में आता है. विधानसभा में अपने आचरण के बारे में सफाई देते हुए लोन ने मीडिया से कहा था, ”चाहे मैं कश्मीरी हूं, भारतीय हूं या पाकिस्तानी हूं, मैं पहले एक मुस्लिम हूं. मेरी भावनाएं आहत हुईं. इसलिए मैंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहा.”

बता दें, नेशनल कांफ्रेंस के सांसद अकबर लोन वही याचिकाकर्ता हैं जिनके लिए कपिल सिब्बल पैरवी कर रहे हैं.

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