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GST Council: राज्यों को 5 साल का पूरा जीएसटी मुआवजा होगा जारी, पेंसिल शार्पनर्स पर GST घटाकर 12 फीसदी हुआ

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक आज नई दिल्ली में पूरी हुई और इस जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन के अलावा पान मसाला और गुटखा पर लगने वाले GST के ऊपर भी चर्चा हुई.

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुए बड़े एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस-कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यों का बकाया 5 साल का पूरा जीएसटी मुआवजा या जीएसटी क्षतिपूर्ति रकम जारी की जा रही है. इसके तहत 16982 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे. जीएसटी काउंसिल की बैठक में इनके ऊपर फैसला हो गया है. दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक समेत कई राज्यों के जीएसटी मुआवजा को लेकर भी जानकारी दी गई.

इन वस्तुओं पर घटा जीएसटी रेट
वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि पेंसिल शार्पनर पर जीएसटी का रेट 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया जा रहा है. इस तरह अब आम जनता के लिए पेंसिल शार्पनर्स खरीदना सस्ता हो जाएगा.

इसके अलावा लिक्विड गुड़ या तरल गुड़ (राब) पर भी जीएसटी रेट को घटाकर शून्य किया जा रहा है जो कि पहले 18 फीसदी था. अगर ये खुला बेचा जाता है तो इस पर शून्य फीसदी जीएसटी लगेगा जो कि पहले 18 फीसदी था. अगर ये लिक्विड गुड़ पैकैज्ड या लेबल्ड तरीके से बेचा जाता है तो इस पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा. इस तरह तरल गुड़ की खुदरा बिक्री पर जीएसटी खत्म कर दिया गया है.

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने एलान किया कि ड्यूरेबल कंटेनर पर लगे टैग्स ट्रैकिंग डिवाइसेज और इनके अलावा डेटा लॉगर्स पर भी जीएसटी घटाया गया है. इसे 18 फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया गया है. हालांकि इसमें कुछ शर्तों का लागू होना आवश्यक है.

जीएसटी काउंसिल की बैठक के अन्य फैसले जानें
एनुअल रिटर्न पर लेट फीस को बनाने का फैसला हुआ है. कैपेसिटी बेस्ड टैक्सेशन और सख्त अनुपालन लागू करने का फैसला है.

पान मसाला और गुटखे पर जीओएम पर सिफारिशें मंजूर की गई हैं.

जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल पर मंत्रियों के समूह (GoM) की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया गया है.

राज्यों के आग्रह पर ड्राफ्ट की भाषा में बदलाव किए जाने की मांग भी मंजूर कर ली गई है.

दो जीओएम की रिपोर्ट मान ली गई है- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि मंत्रियों के दो समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) की रिपोर्ट्स को मान लिया गया है. इनको इस तथ्य के साथ माना गया है कि इसमें आगे मामूली संशोधन किए जा सकते हैं. इनसे जुड़े संबंधित बिलों की भाषा में मामूली बदलाव किए जाने की संभावना को भी माना गया है.

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