Shraddha Walker Case: अब श्रद्धा की हड्डियां देंगी ‘आला-ए-कत्ल’ की गवाही, पहली बार हुआ 23 हड्डियों का पोस्टमार्टम
दिल्ली (Delhi) के चर्चित श्रद्धा वॉलकर हत्याकांड (Shraddha Walker Murder Case) में अब पुलिस श्रद्धा की उन 23 हड्डियों के जरिए कोर्ट को ये बताएगी कि आफताब पूनावाला (Aftab Poonawalla) ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े एक आरी से किए थे. जिसको साबित करने के लिए पुलिस ने एम्स में श्रद्धा की 23 हड्डियों का पोस्टमॉर्टम विश्लेषण करवाया. जिसके जरिए डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि श्रद्धा की हड्डियों को जिस तरीके से काटा गया है उसमें किसी आरी जैसी चीज का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम करते वक्त डॉक्टरों ने पाया कि हड्डियों के कोने में काटने के दौरान बेहद बारीक लकीरें बनी हुई थीं, जो सिर्फ आरी से काटने के दौरान ही बनती है.
साइंटिफिक दस्तावेज बढ़ाएंगे आफताब की मुश्किल
दिल्ली पुलिस के लिए डॉक्टरों की ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एक अहम साइंटिफिक दस्तावेज साबित हो सकती है जिसको पुलिस अपनी चार्जशीट का हिस्सा बनाएगी. क्योंकि पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात को लेकर थी कि पुलिस को ज्यादा समय बीत जाने की वजह से श्रद्धा की बॉडी नहीं मिली थी. लिहाजा श्रद्धा का पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया था. लेकिन जब डीएनए टेस्ट में ये साबित हो गया कि आफताब की निशानदेही पर बरामद हड्डियां श्रद्धा की ही थीं, लेकिन उन हड्डियों को काटने वाला हथियार भी पुलिस बरामद नहीं कर पाई थी.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बनेगी आधार
पुलिस के पास श्रद्धा के शरीर को काटने वाले हथियार के तौर पर सिर्फ आफताब का वो कबूलनामा था जिसमें उसने ये माना था कि श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े एक आरी से किए थे. और यही वजह है कि अब पुलिस आफताब के उस बयान को कोर्ट में साबित करने के लिए एम्स की इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को आधार बनाएगी.
जल्द चार्जशीट दाखिल कर सकती है पुलिस
दिल्ली पुलिस जल्द ही श्रद्धा मर्डर केस में साकेत कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल कर सकती है, जिसमें सबसे ज्यादा फोरेंसिक तरीकों से हासिल किए गए फोरेंसिक सबूत को शामिल करेगी. इसके अलावा पुलिस ने कई ऐसे गवाहों के 164 के बयान भी कोर्ट में रिकॉर्ड करवाए हैं जो इस केस में काफी अहम है. पुलिस ने श्रद्धा के दोस्तों समेत 50 से ज्यादा ऐसे गवाहों को अपनी चार्जशीट का हिस्सा बनाया है जो पुलिस के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के तौर पर इस केस में आफताब के खिलाफ काफी अहम सबूत साबित हो सकते हैं.