देश

Army Chief On China: ‘अरुणाचल और नॉर्थ सिक्किम के पास भी चीन ने सेना की तैनाती बढ़ाई लेकिन…’, तनाव के बीच बोले आर्मी चीफ मनोज पांडे

पूर्वी लद्दाख के बाद अरुणाचल प्रदेश और नॉर्थ सिक्किम के करीब चीन की सेना (PLA) ने अपनी संख्या को बढ़ा दिया है, लेकिन थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने साफ संदेश दे दिया है कि भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

सेना दिवस से पहले गुरुवार (12 जनवरी) को सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे दिल्ली में सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जनरल पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमा (यानी चीन से सटी एलएसी) पर हालात स्थिर हैं, लेकिन अनप्रेडिक्टेबल हैं.

सेना प्रमुख के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर सात में से पांच विवादित इलाकों को लेकर चीन से मामला सुलझा लिया गया है, लेकिन ईस्टर्न कमांड के तहत सीमावर्ती इलाकों में चीन की पीएलए ने युद्धाभ्यास के नाम पर अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा लिया है.

‘पूरी तरह तैयार हैं’
थलेसना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने हालांकि साफ कर दिया कि भारत के पास ईस्टर्न कमांड के अंतर्गत पर्याप्त रिजर्व फोर्स है और भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. सेना की ईस्टर्न कमान के अंतर्गत सिक्किम, डोकलाम और अरुणाचल प्रदेश से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) आती है.

इस सवाल के जवाब पर कि चीन की पीएलए के पास भारतीय सेना से ज्यादा आधुनिक हथियार हैं, जनरल पांडे ने दावा किया कि कोई भी युद्ध किसी सेना की क्षमता पर ही निर्भर नहीं करती है, इसके लिए सेना की ट्रेनिंग, सैनिकों का मोटिवेशन और टेरेन (यानी इलाका) भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है. अगर युद्ध जैसी कोई नौबत आती है तो भारतीय सेना जवाबी कारवाई के लिए पूरी तरह तैयार है.

‘भारतीय सेना नजर रखे हुए है’
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने यह भी साफ कर दिया कि दुश्मन (चीन) को एक तरफा एलएसी की परिस्थितियां बदलने की इजाजत कतई नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि डोकलाम से सटे इलाकों में चीन की गतिविधियों पर भारतीय सेना पूरी तरह से नजर रखे हुए है. भारतीय सेना के हथियारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जखीरे में 45 प्रतिशत विंटेज हथियार हैं और इतने ही आधुनिक हथियार हैं. इसके अलावा 10-12 प्रतिशत स्टेट ऑफ द आर्ट हथियार और सैन्य साजो सामान है.

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर क्या बोले?
रूस-यूक्रेन युद्ध के भारत पर असर पर जनरल पांडे ने कहा कि इसके बाद हमने सप्लाई लाइन बदलने पर तो काम किया ही, साथ ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर भी जोर दिया जा रहा है. यही वजह है कि साल 2030 तक भारतीय सेना के पास 35 प्रतिशत तक स्टेट ऑफ द आर्ट हथियार हो जाएंगे.

थलसेनाध्यक्ष ने हाल के सालों में सीमावर्ती इलाकों में सड़क और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर में आई तेजी के बारे में भी जानकारी साझा की. जनरल पांडे के मुताबिक, पिछले पांच सालों में छह हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी सड़कों का निर्माण-कार्य किया गया है. इसमें से 2,100 किलोमीटर नॉर्दर्न बॉर्डर का काम भी शामिल है.

उन्होनें लेह-लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में बनाए जा रहे ब्रिज और टनल्स के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी. साथ ही उन्होंने कहा, ”हम सिर्फ चीन के किए जा रहे निर्माण कार्यों की चर्चा करते हैं, लेकिन एलएसी पर भारत के किए जा रहे विकास कार्यों को अनदेखा कर देते हैं.”

Related Articles

Back to top button