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Putin-Shehbaz Sharif Meeting: भारत को मिलने वाली ये चीज रूस अब पाकिस्तान को भी देगा! शहबाज शरीफ से ये बोले पुतिन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से कहा कि उनका देश पाकिस्तान को गैस की सप्लाई कर सकता है और इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचा पहले से ही मौजूद है. दोनों नेता उज्बेकिस्तान में शंघाई शिखर सम्मेलन (एससीओ) से इतर मिले थे.

रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक पुतिन ने कहा, ‘मुद्दा रूस से पाकिस्तान को पाइपलाइन गैस की सप्लाई का है, जो मुमकिन है, इसका मतलब है कि बुनियादी ढांचे का एक हिस्सा पहले ही तैयार किया जा चुका है… हमें अफगान मुद्दे को हल करना है.’

भारत भी रूस से गैस खरीदने के लिए अरबों डॉलर खर्च करता है. जब यूक्रेन पर रूस ने हमला बोला, उसके तीन महीने के भीतर ही भारत और चीन ने रूस से ऑयल, गैस और कोयला खरीदने के लिए 24 बिलियन डॉलर खर्च कर दिए थे. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने रूस से तेल, कोयला और गैस खरीदने के लिए 5.1 बिलियन डॉलर खर्च किए थे, जो पिछले साल की तुलना में 5 गुना ज्यादा है. रूस ने ऊर्जा पर भारी छूट दी है, जिस वजह से भारत अजीज दोस्त से ज्यादा मात्रा में चीजें खरीद रहा है. अप्रैल के महीने में भारत ने 284000 बैरल तेल रूस से खरीदा था. जबकि मई में एक दिन में 7,40,000 बैरल तेल खरीदा जाने लगा. जबकि पहले भारत साल भर में रूस से 34000 बैरल तेल लेता था.

अब रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पाकिस्तान को भी गैस सप्लाई करने की बात कही है. फरवरी के महीने में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आर्थिक सहयोग और लंबे समय से लंबित गैस पाइपलाइन के मुद्दे पर पुतिन से बात करने के लिए रूस गए थे. यह एक गैस स्ट्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे नॉर्थ-साउथ गैस पाइपलाइन के नाम से भी जाना जाता है. इसे रूसी कंपनियों के साथ मिलकर बनाया जा रहा है.

पाइपलाइन बनाने पर सहमत हुए थे रूस-पाकिस्तान

साल 2015 में, रूस और पाकिस्तान पंजाब के पूर्वोत्तर प्रांत में बिजली प्लांट्स को अरब सागर तट पर कराची से इंपोर्ट LNG पहुंचाने के लिए 1,100 किमी (683 मील) लंबी पाइपलाइन बनाने के लिए सहमत हुए थे. रूस के मुताबिक इसमें 1.5 से लेकर 3.5 बिलियन डॉलर की लागत आएगी. इसमें 26 प्रतिशत फंड रूस और बाकी 74 प्रतिशत पाकिस्तान को देना है. इस प्रोजेक्ट को साल 2020 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कंपनी को पश्चिमी प्रतिबंधों से प्रभावित होने के बाद रूस को प्रारंभिक भागीदार को बदलना पड़ा, जो पाकिस्तान स्ट्रीम परियोजना से संबंधित नहीं था.

इसके अलावा पुतिन ने कहा, निश्चित रूप से राजनीतिक स्थिरता से जुड़ी समस्याएं हैं, लेकिन अफगान लोगों के साथ हमारे पारस्परिक अच्छे संबंधों को ध्यान में रखते हुए, मुझे उम्मीद है कि इस समस्या का भी समाधान हो सकता है, मेरा मतलब देश की स्थिति पर पाकिस्तान के प्रभाव से है.

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