भारत का प्रतिनिधिमंडल हाल ही में अफगानिस्तान की अंतरिम तालिबानी सरकार से मिला है। भारत ने इस मुलाकात को मानवीय मदद बताया है। अफगानिस्तान के साथ संबंध बहाली को लेकर भारत फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। तालिबान की सरकार तो चाहती है कि पहले की तरह रक्षा और राजनयिक संबंध बहाल हो जाएं। भारत में अफगानी रंगरूटों का सैन्य प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाए। वहां की परियोजनाओं, स्वास्थ्य सेवाओं में भारत की आर्थिक मदद बहाल कर दी जाए। भारत सरकार जल्दबाजी के मूड में नहीं है। वजह साफ है। तालिबान के पाकिस्तान के साथ संबंध, पश्चिम एशिया की कूटनीति और कश्मीर के हालात। इन तीनों मुद्दों को लेकर जब तक भारत सरकार, तालिबानी नेतृत्व की ओर से आश्वस्त नहीं हो जाती, तब तक कोई ठोस फैसला सामने नहीं आएगा।








