india

तापमान : प्रयागराज में प्रचंड गर्मी हावी, पारा पहुंचा 46 डिग्री के पार, काल वैशाखी ने बढ़ाई तपिश

लू और तपिश के चलते दोपहर में शहर की सड़कों पर पसरा सन्नाटा।

देश के पूर्वोत्तर मैदानी राज्यों में उष्ण तीक्ष्ण गर्मी अपने चरम पर है। वातावरण में काल वैशाखी की स्थिति बनने से प्रचंड गर्मी हावी है। शुक्रवार को जिले में अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सर्वाधिक है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी तपिश और बढ़ेगी। उमस हावी रहेगी। उमस भरी गर्मी सताएगी। तापक्रम इसी तरह बढ़ता रहा तो अगले दो से तीन दिनों में तेज रफ्तार से धूल भरी आंधी संग बारिश हो सकती है।

शुक्रवार को सुबह से ही सूरज की तल्खी बनी रही। सुबह नौ बजे से तपिश बढ़ने का क्रम शाम तक जारी रहा। तेज धूप के बीच हवा गुम रही। पत्ता भी नहीं डोलने से लोग उमस भरी गर्मी से व्याकुल रहे। तप रहीं सड़कें आंच मार रही थीं। चौराहों पर लाल बत्ती पर रुके लोग धूप और तपन से परेशान रहे। दोपहर बाद चले लू के थपेड़े परेशानी का कारण बने। शाम सात बजे के बाद तक उमस भरी गर्मी का प्रकोप बना रहा।

जालौन में रहा सर्वाधिक तापमान

प्रदेश के बुंदेलखंड के बांदा, राठ, जालौन इलाकों में पारा 47 से 48 डिग्री के आसपास रहा। मैदानी इलाकों में गंगा के किनारे वाले शहरों में कानपुर 44.5, वाराणसी में 43.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। वहीं संगमनगरी में पारे ने भारी उछाल मारी। मौसम विभाग के मुताबिक प्रयागराज का तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यहां का न्यूनतम तापमान भी अब तक का सर्वाधिक और प्रदेश में सबसे ज्यादा रहा। वातावरण में नमी का स्तर बेहद कम न्यूनतम छह प्रतिशत रहा। इस कारण धूप ने गर्मी बढ़ाई और असंतुलित आर्द्रता ने उमस को हावी होने का मौका दिया।

हीट स्ट्रोक की चेतावनी, तपिश करेगी बीमार
जिले में अगले तीन दिनों तक हीट स्ट्रोक की चेतावनी जारी की गई है। सामान्य से करीब छह डिग्री अधिक तापमान की स्थिति में मौसम जनित बीमारियां भी घेर सकती हैं। चिकित्सकों के मुताबिक गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक के असर से बेहोशी, चक्कर आना, उल्टी-दस्त के साथ बुखार और सर्दी जुकाम की शिकायत हो सकती है। छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष गुप्ता के मुताबिक गर्मी के इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

जरूरी काम हो, तभी बाहर निकलें। धूप से बचने के लिए टोपी, गमछा जरूर लपेटें, पानी पीकर ही बाहर निकलें। भारी भोजन से बचें पर तरल पदार्थों का सेवन निश्चित अंतराल पर करें। डॉ. गुप्ता ने बताया कि तेज धूप से आकर ठंडा पानी पीने वालों को छाती में जकड़न की परेशानी हो सकती है। एसी या कूलर तपिश से तो बचाएंगे, लेकिन धूप से सीधे इनके सामने आकर खड़े होने से बीमारियां घेर सकती हैं।

क्या है काल बैशाखी

मौसम विज्ञानी प्रोफेसर एचएन मिश्रा के मुताबिक अप्रैल के अंतिम सप्ताह से मई के पहले 15 दिनों के बीच काल बैशाखी की स्थिति बनती है। इस काल में गर्मी प्रचंड रूप धारण करती है। तापमान 48 डिग्री के पार तक जा सकता है। इसके प्रभावी होने से गर्मी तो बढ़ेगी ही बादलों की आवाजाही होगी तथा धूल भरी तेज आंधी और गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है।

फ्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि दिन और रात के तापमान के अंतर के दौरान भी उमस भरी गर्मी प्रचंड रूप दिखाती है। वर्तमान में अधिकतम तापमान 46 और न्यूनतम तापमान 35 डिग्री के पार है। यह स्थिति काल बैशाखी की है। वहीं इस काल को ऊपरी वायुमंडलीय स्तरों में प्रति चक्रवातीय परिसंचरण तंत्र के निर्माण और वायुमंडल के निचले स्तरों में बलूचिस्तान व थार मरुस्थल की गर्म व शुष्क पश्चिमी हवाओं का साथ मिल रहा है, इसलिए भीषण गर्मी परिस्थिति बनी हुई है।

बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हआ मानसून देगा राहत
इविवि में भूगोल विभाग के प्रोफेसर तथा मौसम विज्ञानी एचएन मिश्रा के मुताबिक जिस गति से तापमान बढ़ रहा है, उससे तापमान नया रिकार्ड बना सकता है। वहीं बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के सक्रियता की आहट मिल चुकी है। बंगाल मेें हो रही तेज बारिश इसका प्रमाण है। आने वाले तीन दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से एक चक्रवातीय दबाव बनने जा रहा है। चक्रवातीय परिसंचरण कमजोर पड़ने से हवाओं की बदली दिशाएं राहत का कारण बनेंगी। दो से तीन दिनों में तेज धूल भरी आंधी परेशानी का कारण बन सकती है। इस दौरान बारिश के भी आसार हैं, जिससे प्रचंड गर्मी से फौरी राहत मिल सकती है। बारिश और चक्रवाती प्रभाव से पारा पहले गिरेगा फिर तेज गर्मी सताएगी।

Related Articles

Back to top button