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बिहार में बेटा बन 40 साल तक घर में रहा, बेच दी करोड़ों की ज़मीन

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह ज़िले नालंदा से एक हैरान करने वाली ख़बर सामने आई है. वहां एक व्यक्ति 41 साल से एक बुज़ुर्ग के घर में उनका बेटा बन कर रह रहा था. जब 40 सालों से चल रही इस सुनवाई में अदालती फ़ैसला सामने आया तो लोग अपने दांतों तले ऊंगलियां दबाने को मजबूर हो गए.

इस पूरे प्रकरण में विश्वासघात, एक परिवार की भावना से खिलवाड़ और संपत्ति के लालच में हद से गुज़र जाने की ऐसी कहानी है जो किसी फ़िल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं.

संपत्ति और विरासत के इस विवाद में 40 साल की क़ानूनी लड़ाई के बाद अदालत का फ़ैसला आया है. इस मामले में शातिर गुनहगार को महज तीन साल की सज़ा मिली है.

दरअसल, नालंदा ज़िले के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने क़रीब 16 साल के लापता बेटे की जगह ख़ुद को रख कर 41 साल तक घर में रहने वाले दयानंद गोसाईं को धोखाधड़ी का दोषी पाते हुए सज़ा सुनाई है.

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