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यूपी: कुट्टू का आटा खाने से बिगड़ी तबीयत, परिवार के तीन सदस्यों की हालत गंभीर, गांव में मचा हड़कंप

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सहारनपुर में कुट्टू का आटा खाने से इंदिरा कॉलोनी निवासी परिवार के तीन सदस्यों की तबीयत बिगड़ गई। तड़के तीन बजे तीनों को गंभीर हालत में एसबीडी जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया। कुट्टू के आटे की पूड़ी खाने के 15 घंटे बाद भी तीनों की तबीयत में सुधार नहीं था। यह केवल इंदिरा कॉलोनी के परिवार की हालत नहीं है। शहर में ही अन्य कई जगहों से भी लोगों के तबीयत बिगड़ने की सूचना है।

इंदिरा कॉलोनी में रहने वाले सतीश का परिवार नवरात्रों के व्रत रख रहा है। उन्होंने पड़ोस की ही दुकान से कुट्टू का आटा खरीदा था। सोमवार रात करीब दस बजे सतीश की पत्नी गीता, पुत्र कुनाल और खुद सतीश ने कुट्टू के आटे की पूड़ी खाई थी। पूड़ी खाने के करीब एक घंटा बाद ही परिवार के सदस्यों की तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई। जब पेट दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ और उल्टियां शुरू हो गईं, तब तीनों को एसबीडी जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लाया गया। यहां चिकित्सकों ने प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद उन्हें भर्ती कर लिया।

वहीं कुनाल और सतीश की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें फिर से इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया गया। 20 वर्षीय कुनाल के सिर में तेज दर्द और हाथ और पैरों के ठंडा होने की शिकायत है, जबकि पिता सतीश के पेट और पीठ में तेज दर्द और उल्टियां नहीं रुक रहीं। डॉ. अनिल वोहरा के सुपरविजन में तीनों का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। मंगलवार शाम तक भी उनकी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं था।

मात्र आधी पूड़ी खाने से बिगड़ी तबीयत 
कुट्टू के आटे में किस कदर मिलावट की गई है और कैसे पदार्थ की मिलावट की गई है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 20 वर्षीय कुनाल ने मात्र आधी पूड़ी खाई थी, जिससे कुनाल की तबीयत इतनी बगड़ गई कि सिर दर्द बर्दाश्त से बाहर हो रहा था।

अपनी पीड़ा भूल बेटे को संभालती दिखी गीता
इमरजेंसी वार्ड में गीता और बेटे कुनाल को एक ही बेड पर लिटाया गया था, जबकि सतीश को अलग बेड दिया गया था। पति और बेटे की हालत गीता से देखी नहीं जा रही थी। वह बार-बार दोनों को देखकर रोए जा रही थी। इतना ही नहीं, अपनी पीड़ा भूलकर वह बेटे पर ध्यान देती नजर आई, जिससे कि बेटा ठीक हो जाए।

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