Navratri 2022: नवरात्र के पहले दिन ही मंदिरों में दिखी श्रद्धालुओं की भीड़, आज देवी शैलपुत्री की हो रही पूजा
शक्ति की उपासना का महापर्व वासंतिक नवरात्रि शनिवार से शुरू हो गया है। अगले नौ दिनों तक भक्त, मां के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करेंगे। कोरोना संक्रमण के दौरान लगी पाबंदियों के कारण दो वर्षों बाद इस बार बिना किसी पाबंदी श्रद्धालु, मंदिरों में माता के दर्शन पूजन कर रहे हैं।
शहर में वासंतिक नवरात्रि की तैयारियां शुक्रवार को ही पूरी हो चुकी थीं। प्रमुख देवी मंदिरों को सजाया जा गया है। चुनरी, नारियल आदि पूजन सामग्री की दुकानें सजी हुई हैं। इस वर्ष नवरात्रि पूरे नौ दिनों की है। कोई तिथि न खंडित (क्षय) है और न वृद्धि को प्राप्त है। शुभ संयोगों के कारण ये नवरात्रि संतुलन को बनाए रखने वाली और समाज में सौम्यता लेकर आएगी। नवरात्रि का समापन 10 अप्रैल को होगा।
वासंतिक नवरात्र का महत्व
ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्र कहा जाता है। इस दौरान हर दिन मां के नौ अलग-अलग रूपों मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। नवें दिन ही हवन के बाद कन्या पूजन होता है। नौ दिनों तक विधि-विधान से व्रत करने वाले श्रद्धालु 10वें दिन पारण करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्र के नवनी तिथि को ही भगवान राम का जन्म हुआ था।