15 साल का इंतजार खत्म: नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म के आरोपी भाई-बहन गिरफ्तार, 2006 का है मामला
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पुलिस ने दोनों को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया है और पूछताछ कर रही है। आरोपियों की पहचान जोगिंदर सिंह और कमलजीत सिंह उर्फ कमलेश के रूप में हुई है। जोगिंदर चौथी तक पढ़ा है जबकि कमलेश पांचवीं कक्षा तक पढ़ी है।
क्या है पूरा मामला
बाद में उन्होंने उनकी बेटी की तलाश के लिए जोगिंदर और कमलेश के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी गुजारिश की थी। उनकी शिकायत पर नांगलोई थाने में आईपीसी की धारा 375/06 363/34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। जांच के दौरान पुलिस ने जोगिंदर और कमलेश के संभावित ठिकानों पर कई छापे मारे लेकिन दोनों पकड़ में नहीं आ सके।
जांच के दौरान नाबालिग बच्ची को बरामद कर लिया गया और उसका मेडिकल कराने के बाद आईपीसी की धारा 366ए और 376 आरोपियों पर जोड़ी गई। पुलिस के कई प्रयास के बाद भी वह आरोपियों को नहीं पकड़ सकी जिसके बाद तीस हजारी कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 11 सितंबर 2009 को अपराधी घोषित कर दिया। बीते एक महीने से पुलिस यूपी और दिल्ली में आरोपियों को तेजी से ढूंढने में लगी थी। जांच में पुलिस को पता चला कि आरोपियों का पैतृक गांव अलीगढ़ में है और इनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है।
पुलिस को ये भी पता चला कि दोनों अलीगढ़ के वजीरपुर स्थित अपने गांव में अक्सर उत्सवों में शामिल होने के लिए गुप्त रूप से जाते हैं। पुलिस को अपने मुखबिरों से पता चला कि जोगिंदर अब भी अविवाहित है और दिल्ली-एनसीआर में मिस्त्री का काम करता है, वहीं कमलेश की शादी हो गई है और वह दिल्ली में कहीं रहती है। इसके बाद से ही पुलिस ने दोनों की तलाश तेज कर दी और पहले जोगिंदर को गिरफ्तार किया फिर कमलेश को।
गिरफ्तारी के बाद जोगिंदर ने बताई पूरी कहानी
आरोपी ने पीड़िता को शादी और पैसों जैसे बड़े-बड़े लालच दिए। तीन चार दिन बाद जब स्थानीय पुलिस की दबिश बढ़ने लगी तो जोगिंदर ने पीड़िता को अंजाम भुगतने की धमकी देकर उसे आनंद विहार बस स्टेशन पर छोड़ दिया। इसके बाद दोनों ने अपने किसी भी रिश्तेदार से मिलना-जुलना छोड़ दिया और अपना ठिकाना लगातार बदलते रहे। हालांकि पुलिस ने उन्हें 15 साल बाद गिरफ्तार कर लिया।