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हरियाणा: आज और कल प्रदेश में रहेगी कर्मचारियों की हड़ताल, रोडवेज ने किया चक्का जाम का दावा

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केंद्रीय संगठनों के आह्वान पर हरियाणा में 28 व 29 मार्च को होने वाली हड़ताल को सफल बनाने के लिए कर्मचारी संगठनों ने पूरी ताकत झोंक दी है। संगठनों ने दोनों दिन रोडवेज का चक्का जाम का दावा किया है। रविवार रात 10 से शिफ्टवाइज बिजली कर्मी और सोमवार अलसुबह 3 बजे रोडवेज के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। हालांकि, विभाग बसों के सुचारु संचालन के लिए तमाम प्रयास कर रहा है।

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी एकता यूनियन हड़ताल में शामिल नहीं होगी और उसके सदस्य बसें चलाएंगे। वहीं, दैनिक वेतन के कर्मचारियों के भरोसे बसें चलाने की तैयारियां की गई हैं।

ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंप्लाइज फेडरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि हड़ताल की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य में पिछले दो सप्ताह से इसकी तैयारियां की गई हैं। केंद्रीय कमेटी के पदाधिकारी एवं सदस्यों की जिलावार ड्यूटियां लगाई गईं हैं।

उन्होंने दावा किया कि हरियाणा के 60 लाख कर्मचारी और मजदूर हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल का आह्वान सीटू, एटक, इंटक, एचएमएस, एआईयूटीयूसी सहित देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंप्लाइज फेडरेशन सहित अन्य कर्मचारी संघों ने संयुक्त रूप से किया है।

आवश्यक सेवाएं बाधित नहीं होंगी
राज्य के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं, पंचायत राज संस्थाओं, सोसायटी व विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे। नीतिगत निर्णय के तहत जनहित को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं किया जाएगा। बिजली की बड़ी लाइनों की ब्रेकडाउन होने पर बिजली कर्मचारी हड़ताल पर रहते हुए बिजली आपूर्ति बहाल करने का प्रयास करेंगे।

हड़ताल की प्रमुख मांगें 
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि प्रमुख मांगों में पीटीआई व ग्रुप डी खेल कोटे के कर्मचारियों सहित छंटनी ग्रस्त सभी कर्मचारियों की सेवाएं बहाल करने, एनएचएम, गेस्ट टीचर सहित सभी प्रकार के अनियमित व ठेका कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, पुरानी पेंशन बहाल करने समेत अन्य मांगें हैं। बिजली संशोधन बिल-2022 को रद्द करने, वेतन विसंगतियों को दूर करने, एक्सग्रेशिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाने, शिक्षा एवं स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मील वर्करों को कर्मचारी का दर्जा देने आदि हैं।

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