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एन बीरेन सिंह: फुटबॉलर से बीएसएफ, फिर पत्रकार से दूसरी बार मणिपुर के मुख्यमंत्री, जानें पूर्वोत्तर के इस कद्दावर नेता का सफर

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मणिपुर में इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त जीत हासिल की। पार्टी की इस जीत के पीछे एन बीरेन सिंह के चेहरे को बड़ी वजह माना जाता है। सिंह के बारे में कहा जाता है कि वे मणिपुर की जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं और राज्य की जरूरतों को अच्छी तरह समझते हैं। इसी के चलते भाजपा विधायक दल ने रविवार को हुई बैठक में उन्हें फिर से अपना नेता चुना।

ऐसे में अमर उजाला आपको बता रहा है कि आखिर एन बीरेन सिंह मणिपुर में इतनी लोकप्रियता कैसे हासिल कर सके हैं और आखिर कैसे उन्होंने राज्य की राजनीति में अपने लिए एक मुख्यधारा की पार्टी के जरिए विशेष स्थान बनाया है।

कौन हैं एन बीरेन सिंह? 
एन बीरेन सिंह का जन्म 1 जनवरी 1961 को मणिपुर की राजधानी इंफाल में हुआ था। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मणिपुर यूनिवर्सिटी से ही बीए की डिग्री हासिल की। लेकिन खेल में ज्यादा रुचि होने की वजह से उन्होंने शुरुआत में फुटबॉल को अपने करियर के तौर पर चुना। बाद में देशसेवा के मकसद से उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जॉइन कर ली। यहां भी उन्होंने अपनी खेल की रुचि को आगे बढ़ाया और घरेलू मुकाबलों में अपनी टीम का नेतृत्व करते रहे। उन्होंने डूरंड कप जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया है।

फुटबॉल और बीएसएफ में लंबे समय तक सेवा देने के बाद 1992 में बीरेन सिंह की रुचि पत्रकारिता की तरफ बढ़ी और उन्होंने मणिपुर के ही स्थानीय अखबार नाहरोल्गी थोउदांग में नौकरी शुरू की। पत्रकारिता में भी बीरेन सिंह काफी तेजी से आगे बढ़े और 2001 तक वे अखबार में संपादक के पद तक पहुंच गए। यही वह दौर था, जब उन्होंने राजनीति को करीब से देखा और आखिरकार राज्य की स्थिति को सुधारने के लिए इस क्षेत्र में किस्मत आजमाने का फैसला किया।

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