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साइबर अपराध: इंटरनेट पर कस्टमर केयर की जगह मिला ठगों का नंबर, लगी 4.13 लाख रुपये की चपत

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साइबर अपराधियों ने ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बनकर एक युवती के खाते से 4.13 लाख रुपये निकाल लिए। उन्होंने इंटरनेट से बैंक के ग्राहक सेवा प्रतिनिधि का नंबर खोजा था। साइबर अपराधी ने पहले मोबाइल पर एप डाउनलोड कराया। इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से रकम निकाल ली। पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की है। रेंज साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

दिल्ली में करती हैं नौकरी 

कमला नगर निवासी शिवानी त्यागी दिल्ली में नौकरी करती हैं। उन्होंने बताया कि वह आगरा आई हुई हैं। उनका खाता आईसीआईसीआई बैंक में है। उन्होंने नौ मार्च को एटीएम से एक हजार रुपये निकाले थे। इस पर उनके खाते से चार्ज के रूप में कुछ रकम कट गई। इस पर उन्होंने बैंक से रकम काटे जाने के बारे में जानकारी के लिए गूगल पर कस्टमर केयर नंबर खोजा।

गूगल पर मिला कस्टमर केयर नंबर

शिवानी ने बताया कि बैंक के नाम से गूगल पर एक कस्टमर केयर नंबर मिल गया, जिस पर कॉल किया। कॉल रिसीव करने वाले ने कहा कि खाते से जितनी बार भी पैसा कटा है, वह रकम वापस कर दी जाएगी। इसके लिए अपने मोबाइल पर एक एप डाउनलोड करना होगा। शिवानी ने उसके कहे अनुसार, एनी डेस्क एप डाउनलोड कर लिया। इसके बाद उनसे एप को एक्सेस करने का कोड पूछ लिया गया।

रकम कर ली ट्रांसफर 

साइबर अपराधियों ने मोबाइल एक्सेस करने के बाद इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से रकम ट्रांसफर कर ली। छह बार में 4.13 लाख रुपये खाते से निकाल लिए गए। पीड़ित को बैंक के मैसेज आने पर जानकारी हो सकी। उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी, लेकिन साइबर अपराधी ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर लिया। शिवानी ने पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद रेंज साइबर क्राइम थाना में तहरीर दी। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

अंजान व्यक्ति के कहने पर नहीं करें एप डाउनलोड

एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के मुताबिक, इंटरनेट पर हेल्पलाइन और कस्टमर केयर नंबर खोजते समय सावधानी बरतें। फोन पर किसी अंजान व्यक्ति को अपने खाते, एटीएम कार्ड की जानकारी नहीं देनी चाहिए। अगर, कोई व्यक्ति मोबाइल पर एप डाउनलोड करने की कहता है तो सावधान हो जाएं। साइबर अपराधी मोबाइल स्क्रीन शेयरिंग और एक्सेस एप डाउनलोड कराते हैं। इसके बाद ओटीपी देखकर इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से रकम निकाल लेते हैं। इसलिए एप डाउनलोड नहीं करें। इंटरनेट पर मिलने वाले ग्राहक सेवा नंबर की पड़ताल करने के बाद ही कॉल करें

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