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पंजाब में आम आदमी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिल गया है। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कई दिग्गज मात खा गए हैं। आप को प्रचंड बहुमत के बाद पूरे पंजाब के आप कार्यकर्ताओं में जश्न है। आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार भगवंत मान ने संगरूर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जीत का जश्न मनाया। भगवंत मान इस दौरान अपनी मां को भी गले लगाते दिखे।
पंजाब में आप को मिली जीत से पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गदगद हैं। आप की जीत को उन्होंने इंकलाब बताया। उन्होंने भगवंत मान के साथ अपनी फोटो ट्वीट कर उन्हें बधाई दी।
ऐसे में यह जानने की दिलचस्पी जरूर जगती है कि आखिर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से पंजाब तक का सफर कैसे तय किया है? इस दौरान पार्टी ने कितने उतार-चढ़ाव देखे हैं?
जानिए दिल्ली से पंजाब तक कैसा रहा है आम आदमी पार्टी का सफर?
जनलोकपाल बिल बनाने की मांग को लेकर पांच अप्रैल 2011 को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अनशन शुरू किया था।
माना जाता है कि अरविंद केजरीवाल इस आंदोलन के सूत्रधार थे। वे इस आंदोलन के नायक बन कर उभरे।
अन्ना के आंदोलन को किरण बेदी, कुमार विश्वास, जनरल वीके सिंह, योगेंद्र यादव जैसी हस्तियों ने समर्थन दिया।
सरकार ने इस बिल के लिए एक समिति बनाने का वादा किया। इसके बाद यह आंदोलन नौ अप्रैल 2011 को समाप्त हो गया।
जब सरकार ने आश्वासन के बाद भी 15 अगस्त तक विधेयक पास नहीं हुआ तो 16 अगस्त 2011 को अन्ना ने दोबारा आंदोलन शुरू किया।
इस आंदोलन को देश भर का समर्थन मिला। आखिरकार सरकार आनन-फानन में यह विधेयक संसद में लेकर आई।
संसद से विधेयक के पारित होने के बाद अन्ना का आंदोलन खत्म हुआ।








