रूस पर प्रतिबंधों के बाद चर्चा: क्या बिना डॉलर का उपयोग किए चल सकता है काम?
विस्तार
लेकिन अमेरिका के इस कदम ने डॉलर में अपना धन रखने की दशकों से जारी चलन पर बहस खड़ी कर दी है। खास कर इस मामले में चीन के रुख पर विशेषज्ञों की नजर है, जिसके पास दो ट्रिलियन डॉलर से अधिक की अमेरिकी मुद्रा है। विशेषज्ञों ने सवाल उठाया है कि क्या अमेरिका के हालिया कदम को देखते हुए अब चीन और ऐसे बहुत से देश किसी अन्य विकल्प की तलाश करेंगे और क्या दुनिया में ऐसे विकल्प मौजूद हैं?
अमेरिका से टकराव महंगा
इस बीच कुछ दूसरे विशेषज्ञ अब सलाह दे रहे हैं कि सेंट्रल बैंकों को अब डॉलर में निवेश के बजाय अपना धन कच्चे तेल और सोने जैसी चीजों में लगाना चाहिए। लेकिन एक राय यह है कि सेंट्रल बैंक के अधिकारियों के पास ऐसे व्यापारिक निवेश का कौशल नहीं है। वे सिर्फ वित्तीय प्रबंधन के जानकार होते हैं। इसलिए फिलहाल बहुत से देश डॉलर से पैसा निकाल कर किसी अन्य वस्तु में लगाएंगे, इसकी संभावना कम है।