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HC में अंसल बंधुओं को राहत नहीं, 7 साल की सजा बरकरार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने उपहार सिनेमा त्रासदी साक्ष्य छेड़छाड़ मामले में अंसल बंधुओं सुशील अंसल और गोपाल अंसल की सजा को निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी है. जहां उपहार सिनेमा के मालिकों की दलीलें खारिज कर दी गईं, वहीं पूर्व कर्मचारी अनूप सिंह करायत की याचिका को स्वीकार कर लिया गया. अंसल बंधु सुशील और गोपाल जेल में ही रहेंगे. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने 27 जनवरी 2022 को सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद आदेश को सुरक्षित रख लिया था. 8 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने उपहार अग्निकांड मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में अंसल बंधुओं को सात साल कैद की सजा सुनाई थी और प्रत्येक पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.

मामला उपहार सिनेमा में लगी आग से संबंधित है, जहां 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म ‘बॉर्डर’ की स्क्रीनिंग के दौरान आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. अंसल बंधु उपहार सिनेमा के मालिक थे. वर्ष 2015 में एक निचली अदालत ने अंसल बंधुओं को दोषी ठहराया था. सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप पहली बार वर्ष 2003 में सामने आए थे. लोक अभियोजक ने एक दस्तावेज का हवाला दिया था, जिसका मूल एक गवाह से जिरह करते समय पता नहीं लगाया जा सका, क्योंकि उपहार त्रासदी के मुख्य मामले में मुकदमा चल रहा था. अंसल बंधुओं ने अदालत के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर मामले की महत्वपूर्ण फाइलों से छेड़छाड़ की और कुछ महत्वपूर्ण सबूतों के पन्ने हटा दिए.

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