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RBI के डिप्टी गवर्नर ने कहा- क्रिप्टोकरेंसी पोंजी स्कीम्स से भी खराब हैं, इन पर बैन लगाने की जरूरत

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भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने सोमवार को क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने की वकालत करते हुए कहा कि यह पोंजी योजनाओं से भी बुरा है. उन्होंने ये भी कहा कि इससे देश की वित्तीय संप्रुभता को खतरा है. शंकर ने कहा कि क्रिप्टो-प्रौद्योगिकी सरकारी नियंत्रण से बचने के दर्शन पर आधारित है, उसे विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली को दरकिनार करने के लिये विकसित किया गया है.

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाना सबसे उचित विकल्प- टी रवि शंकर
शंकर ने भारतीय बैंक संघ के 17वें वार्षिक बैंक प्रौद्योगिकी सम्मेलन और पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इन सभी कारकों को देखते यह निष्कर्ष निकलता है कि क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाना शायद भारत के लिए सबसे उचित विकल्प है.’ उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी मुद्रा प्रणाली, मौद्रिक प्राधिकरण, बैंक प्रणाली और सामान्य तौर पर सरकार की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने की क्षमता को नष्ट कर सकती है.

आरबीआई का डिजिटल रुपया जल्द आएगा
बता दें कि आरबीआई का डिजिटल रुपया लाने पर बजट में मुहर लग चुकी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार 1 फरवरी को अपनी बजट स्पीच में जानकारी दी थी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी डिजिटल करेंसी वित्त वर्ष 2023 में लाएगा. इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से आई आमदमी पर 30 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा.

क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय मान्यता देने पर वित्त मंत्री ने बताई ये बात
हालांकि इससे ये संभावना जताई जाने लगी कि क्रिप्टोकरेंसी को देश में मान्यता दी जा रही है लेकिन हाल ही में संसद में वित्त मंत्री ने इस बात को साफ कर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय मान्यता नहीं दी जा रही है. कल ही आरबीआई गवर्नर ने शक्तिकांत दास ने भी बताया कि सरकार और आरबीआई के बीच क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर चर्चा चल रही है.

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