महाराष्ट्र में मां और भाई ने की दो माह की गर्भवती की हत्या, क्या है मामला?
महाराष्ट्र में हत्या की एक घटना ने राज्य को हिलाकर रख दिया है. औरंगाबाद ज़िले के वैजापुर तहसील के गोयगांव में एक गर्भवती युवती की उनकी मां और भाई ने बेरहमी से सिर काटकर हत्या कर दी. रविवार को हुए इस मर्डर ने इलाक़े में हड़कंप मचा दिया है.
अपने माता-पिता और परिवार के ख़िलाफ़ जाकर इस युवती ने अपने प्रेमी के साथ भागकर शादी कर ली थी. इससे उनके घरवाले नाराज़ थे.
चौंकाने वाली बात ये भी है कि हत्या के वक़्त युवती दो महीने की गर्भवती थी, जिसे उनकी मां और भाई दोनों जानते थे.
इस वारदात के बाद मां और भाई ने थाने जाकर आत्मसमर्पण कर दिया. साथ ही पुलिस के सामने अपना जुर्म क़ुबूल कर लिया. पुलिस ने उन दोनों को गिरफ़्तार कर लिया और एक बयान जारी कर सारी घटना की जानकारी दी है.
युवती का नाम कीर्ति उर्फ किशोरी मोटे था. वो और उनके पति अविनाश थोरे दोनों गोयगांव के ही रहने वाले थे. इस गांव की आबादी क़रीब 500 है. अविनाश अपने गांव से क़रीब 2-3 किलोमीटर दूर लाडगांव शिवरा के एक फार्महाउस में रहते थे.
किशोरी मोटे और अविनाश दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे. कॉलेज के दौरान ही दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. हालांकि किशोरी के परिजन दोनों के रिश्ते का विरोध कर रहे थे.
स्थानीय पत्रकार प्रशांत त्रिभुवन ने बीबीसी को बताया कि इस रिश्ते के विरोध करने का मुख्य कारण परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा या दोनों परिवार की आर्थिक स्थिति में अंतर था. इसी वजह से लड़की के घर वालों ने दोनों के रिश्ते का विरोध किया.
लेकिन अविनाश और किशोरी अपने फ़ैसले पर अड़े रहे, इसलिए मोटे परिवार के विरोध के बावजूद उन्होंने शादी करने का फ़ैसला किया.
क़रीब छह महीने पहले इस साल के जून में दोनों अपने घरों से भाग गए. उसके बाद अलंदी में दोनों ने शादी कर ली.
शादी के बाद किशोरी को अपनी पत्नी बनाकर अविनाश अपने गांव लौट आए. उसके बाद से ही किशोरी अपने पति के लडगांव में बने फार्महाउस में रह रही थीं.
इस दौरान उनका अपने मायके के परिवार से ज़्यादा संपर्क नहीं रह गया था. हालांकि घटना के एक हफ़्ते पहले मृतका की मां शोभा मोटे उनसे मिलने गई थीं. वो अपनी बेटी से मिलकर और चाय-पानी पीकर चली गई थीं.
पुलिस के अनुसार क़रीब एक हफ़्ते बाद रविवार 5 दिसंबर को युवती की मां शोभा और भाई संजय मोटे उनसे मिलने फार्महाउस स्थित उनके घर पहुंचे. उस समय किशोरी अपने खेतों में निराई का काम कर रही थी. बताया जाता है कि उन्होंने जब देखा कि उनकी मां और भाई आए हैं, तो वो ख़ुशी से घर की ओर भागी.
किशोरी दोनों को पानी पिलाकर चाय बनाने के लिए अपनी रसोई में गई. उसी समय उनकी मां और भाई ने युवती की बेरहमी से हत्या कर दी. भाई संजय मोटे ने धारदार हथियार से अपनी बहन किशोरी के गले पर वार करके सिर को धड़ से अलग कर दिया.
उसके बाद, संजय ने कटा हुआ सिर बाहर लेकर वहां मौजूद लोगों को दिखाने लगा. उसके बाद दोनों कटे सिर को घर के अहाते में रखकर वहां से चले गए. वहां से दोनों बाइक से गए थे. बाद में पता चला कि वारदात को अंज़ाम देकर दोनों ख़ुद ही थाने पहुंच गए.
मृतका किशोरी मोटे दो माह की गर्भवती थी. पुलिस के मुताबिक़ इस बात की जानकारी उनकी मां को थी. इसके बावजूद दोनों ने बिना सोचे-समझे युवती की हत्या कर दी.
पुलिस ने अपने प्रेस नोट में कहा कि इस घटना के दौरान उनकी मां शोभा मोटे ने अपनी बेटी किशोरी के पैर पकड़ रखे थे.
इस घटना में मां के शामिल होने से कई लोग हैरान हैं. सामाजिक कार्यकर्ता मंगला खिवांसरा ने इस घटना का विश्लेषण करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, “ये संभव है कि मां ने अपने बेटे का साथ इसलिए दिया कि वो उसके प्रति कर्तव्य की झूठी भावना के चलते बाध्य थीं.”
इस बीच पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया है.
इस बारे में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मंगल खिवांसरा ने बताया कि हमारे समाज में सामाजिक प्रतिष्ठा कई चीज़ों से तय होती है, जो महिलाओं पर थोप दिया जाता है.
उन्होंने कहा, “हमारे समाज के पुरुष प्रधान होने के चलते महिलाएं ऐसे झूठे सामाजिक शान की शिकार होती हैं.”
उनके अनुसार, इसकी शुरुआत परिवार से होती है. परिवार का मुखिया पुरुष होता है, जिससे महिलाओं पर अत्याचार करने का लगातार प्रयास होता है. इसके साथ ही, सामाजिक प्रतिष्ठा बनाए रखने का सारा बोझ महिलाओं पर ही डाला जाता है.
भारतीय संविधान में जेंडर में अंतर होने के बावजूद मर्दों और महिलाओं को समान अधिकार दिए गए हैं. ऐसे मामले तभी रोके जा सकते हैं, जब दोनों के बीच समानता को हर घर में ठीक से लागू किया जाए.
मंगल खिवांसरा के अनुसार, नहीं तो महिलाएं परिवार की झूठी शान के चलते ऐसे ही मारी जाती रहेंगी.
इस बीच, इस मामले से जुड़े दोनों परिवारों से संपर्क करने की कोशिश की गई पर कामयाबी नहीं मिली.