शादी के सीजन में सूरत से जा रही ट्रेनों में भारी भीड़, आरक्षित सीटों के लिए भी करनी पड़ रही मशक्कत
इन दिनों यूपी -बिहार समेत पूरे उत्तर भारत में शादियों का सीजन है। ऐसे में दिवाली और छठ से ज्यादा भीड़ अब गांवों की तरफ जा रही है। सूरत रेलवे स्टेशन से निकलने वाली सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में भारी भीड़ चल रही है। इन ट्रेनों में इतनी भीड़ है कि यात्रियों का रिजर्वेशन टिकट होते हुए भी उन्हें अपनी सीटों के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
ट्रेनों में सीट कन्फर्म होने के बावजूद यात्रियों को अपनी सीट के लिए रेलवे हेल्पलाइन पर शिकायत करना पड़ रहा है। दरअसल कोरोना प्रोटोकॉल के कारण सिंगल पीएनआर टिकट यदि कन्फर्म नहीं होने पर ट्रेन में यात्री यात्रा नहीं कर सकता, लेकिन इस भयंकर भीड़ में ये सब प्रोटोकॉल बिलकुल फॉलो नहीं किए जा रहे हैं। आलम ये है कि एक कोच में 72 से 80 बर्थ यात्री और उतने ही वेटिंग यात्री सफर कर रहे हैं। वहीं टिकट न मिलने के कारण कई लोगों को वेटिंग टिकट पर ही यात्रा करनी पड़ रही है।
ताप्ती-गंगा का भी यही हाल
सूरत से निकलने वाली ताप्ती गंगा एक्सप्रेस, उधना-दानापुर एक्सप्रेस, उधना-वाराणसी समेत यहां से गुजरने वाली अन्य ट्रेनें भी इन दिनों एेसी ही स्थिति में जा रही हैं। ताप्ती गंगा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में भी पैर रखने तक की जगह नहीं है, जिससे स्लीपर कोच जनरल की तरह और एसी कोच का हाल स्लीपर की तरह हो चुका है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सीजन में यूपी-बिहार में शादी-ब्याह का माहौल है। इसके चलते भारी भीड़ हो रही है। 25 नवंबर से ये भीड़ कम होने लगेगी।
बांद्रा-बरौनी में इतनी भीड़ की हेल्पलाइन पर करनी पड़ी शिकायत
सूरत से बरौनी के लिए रवाना हुई बांद्रा-बरौनी एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में इतनी भयंकर भीड़ रही कि ट्रेन में चढ़ने के लिए पहले कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। और जब यात्री ट्रेन में चढ़ गए तो उन्हें अपनी सीट के लिए अन्य यात्रियों से नोकझोंक भी करनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि इस बार अप्रैल से जुलाई तक लगभग 26 से ज्यादा तिथियों पर विवाह का मुहूर्त था। इसके लिए बड़ी संख्या में आरक्षण की बुकिंग की गई थी। इसके चलते ट्रेनें अप्रैल-मई तक रिग्रेट हो गई थीं। लेकिन कोरोना में लॉकडाउन हो जाने से अधिकतर शादियां रद्द हो गईं और अब यही शादियों की तिथि नवंबर-दिसंबर महीने में है। इसके चलते अब अधिकतर ट्रेनों में काफी भीड़ दिख रही है।
यात्रियों की शिकायत
मैं अपने परिवार के साथ बांद्रा-बरौनी एक्सप्रेस के एस-5 में सफर कर रहा था। अपनी सीट पर बैठने के लिए काफी देर खड़े रहना पड़ा, क्योंकि ट्रेन के बाथरूम से ही गैलेरी पूरी तरह से पैक्ड थी। पूरे कंपार्टमेंट में उन्हीं की भीड़ थी। भरूच आने तक से सीट के लिए मशक्कत करनी पड़ी। हमने हेल्पलाइन पर भी शिकायत की लेकिन फायदा नहीं हुआ। – दीपेश निषाद, यात्री