इस दिवाली स्वदेशी पर जोर, दक्षिण गुजरात में 50 प्रतिशत कम बिका चाइनीज सामान
बीते दिनों चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव के बाद से कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन (कैट) की ओर से चीनी वस्तुओं का विरोध करने के साथ चीनी सामानों का आयात नहीं करने के लिए लोगों से अपील की जा रही है। दक्षिण गुजरात में भी कैट के सदस्यों ने दिवाली के दिनों पर आयात होने वाले पटाखे, लाइटिंग, फर्नीचर और डेकोरेशन आदि के सामान नहीं खरीदने के लिए अपील की थी।
कैट का दावा है कि उनके अभियान के तहत सूरत और दक्षिण गुजरात में चीनी प्रोडक्ट की बिक्री बीते साल की अपेक्षा 50 प्रतिशत कम हुई है। चीनी की वस्तुओं के बजाय लोग भारत में बनी वस्तुएं खरीदना पसंद कर रहे हैं। भारत में चीन से कई सामान आयात किए जाते हैं। चीन से सूरत में कपड़ा, यार्न, फर्नीचर, केमिकल सहित अन्य कई चीजें मंगाई जाती हैं। कैट का कहना है कि चीन की चीजें भारत में कम कीमत पर मिलने के कारण भारत की चीजों की मांग कम हो जाती है। ऐसे में यदि भारत के उद्यमियों को बढ़ावा देना है तो चीन की चीजों की खरीदी कम करनी पड़ेगी। अब इस विरोध का असर दिखने लगा है।
चीन से डोकलाम विवाद के बाद तेज हुआ अभियान
प्रकाश पर्व पर दिवाली पर भारत के बाजार में हर प्रकार के सामान की खरीदी होती है। इस अवसर पर लोग करोड़ों का खर्च करते हैं। लाइटिंग, डेकोरेशन, फर्नीचर, कपड़े आदि पर बड़ा खर्च कर देते हैं। अब तक चीन इन तमाम चीजों का निर्यात करता था और इससे बड़ी रकम सूरत और दक्षिण गुजरात के बाजार से ले जाता था।
चीन और भारत में डोकलाम विवाद के बाद से भारत के व्यापारियों की संस्था कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन ने देशभर में चीनी वस्तुओं के विरोध की मुहिम चलाई थी। इस मुहिम में कैट ने चीनी वस्तु आयात करने वालों से भारत की बनी वस्तुएं बेचने की अपील की थी। साथ ही लोगों से भी भारत की चीजें खरीदने की अपील की थी।
चीनी सामान का विरोध आगे भी जारी रहेगा
कैट की ओर से देशभर में चाइनीज वस्तुओं का विरोध चल रहा है। आगामी दिनों में भी इस तरह का विरोध जारी रहेगा। कैट के प्रमुख प्रमोद भगत ने बताया कि सूरत सहित भारत के सभी व्यापारियों और लोगों में जागरूकता लाने के लिए पम्फलेट बनाकर बांटे गए हैं। लोगों में देश में बनी चीजों का ही उपयोग करने से देश का अर्थतंत्र मजबूत होगा, यह जानकारी भी दी जा रही है। इस बारे में धीमे-धीमे लोगों में जागरूकता आ रही है और अब ज्यादातर लाेग स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
चीन की वस्तुओं का बहिष्कार
बीते एक साल से कैट लोगों से चीन की वस्तुओं का बहिष्कार करने की अपील कर रहा है। दिवाली पर बड़े पैमाने पर सूरत में चीनी की लाइटिंग, डेकोरेशन आइटम, फर्नीचर सहित कई चीजों का कारोबार होता है, लेकिन अब लोगों ने चीन के स्थान पर भारत की चीजों का उपयोग शुरू कर दिया है। पहले बाजार में चीन के दीपक बिकते थे, अब लोग पारंपरिक मिट्टी से बने दीपक का उपयोग कर रहे हैं। इस साल उनकी डिमांड बढ़ी है। मिट्टी के बर्तन बनाने वालों को रोजगार मिला है। बीते साल की अपेक्षा इस साल चीन की प्रोडक्ट 50 प्रतिशत कम बिकी है। – प्रमोद भगत, प्रमुख, गुजरात चैप्टर, कैट