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मंत्री अजय मिश्र को लेकर नड्‌डा के साथ स्वतंत्र देव, राधामोहन और सुनील बंसल की बैठक; डैमेज कंट्रोल पर चर्चा

लखीमपुर खीरी कांड योगी सरकार के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। अब सरकार और संगठन में भी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को लेकर विरोध होने लगा है। भाजपा के पीलीभीत सांसद वरुण गांधी लगातार सवाल उठा रहे हैं। पत्र लिख रहे हैं। पार्टी के अंदर भी विरोध पर चर्चा होने लगी है। चुनावी सरगर्मी के बीच विपक्ष इस मुद्दे को हवा दे रहा है।

भाजपा के अंदर अजय को लेकर किस तरह की बेचैनी है? इसको समझने के लिए आपको प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के बयानों पर भी गौर करना होगा। पिछले चार दिनों में प्रदेश अध्यक्ष ने जो कहा है उसे बताने से पहले आपको बताते हैं कि आज (सोमवार) वे दिल्ली में है। देर रात राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अहम बैठक होने वाली है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष के अलावा यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल भी मौजूद रहेंगे।

दिल्ली में डैमेज कंट्रोल के लिए बैठक
बैठक में अजय को लेकर चर्चा हो सकती है। साथ ही जिस तरह के हालात इस घटना के बाद तराई इलाके में है, स्वतंत्र देव सिंह उसकी रिपोर्ट नड्डा को दे सकते हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में कोई ठोस रणनीति भी तैयार की जाएगी।

प्रदेश अध्यक्ष के बयानों से समझिए पार्टी की बेचैनी
अब आपको हम प्रदेश अध्यक्ष के उन बयानों के बारे में बताते हैं जो भाजपा की बेचैनी को बयां करता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कल यानी रविवार को लखनऊ में अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में कहा कि नेतागिरी मतलब लूटने नहीं आए हैं, फॉर्च्यूनर से किसी को कुचलने नहीं आए हैं। वोट आपके व्यवहार से मिलेगा। जिस गली में आप रहते हैं, वहां कोई आपसे डरे नहीं।

प्रदेश अध्यक्ष के इस नसीहत में अजय मिश्र की घटना की साफ झलक मिल रही है। लखीमपुर घटना में जिस थार जीप और फॉर्च्यूनर कार की बात सामने आई है, उससे पार्टी की अजय मिश्र के साथ ही पार्टी की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं। अध्यक्ष इसी बहाने कार्यकर्ताओं को ऐसी हरकतों से बचने की सलाह दे रहे हैं।

सांसदों-विधायकों के परिवार के लोग न करें नेतागिरी

दो दिन पहले 8 अक्टूबर ( शुक्रवार ) को सीएम आवास पर अवध क्षेत्र की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने सांसदों और विधायकों को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखने की नसीहत देते हुए कहा था कि आप नेता हैं, आपके परिवार के लोग नेतागिरी न करें।
इस बयान में भी आपको लखीमपुर घटना का असर साफ समझ में आएगा। भाषा पर संयम रखने की नसीहत के पीछे अजय मिश्र की वो धमकी है, जिसकी वजह से इतना बड़ा कांड हो गया। साथ ही उनके बेटे की वजह से सरकार और पार्टी की फजीहत अलग से हो रही है।

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