अडाणी ग्रुप ने अपने पोर्ट पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के कार्गो की हैंडलिंग बंद की, ड्रग्स मामले के बाद कंपनी ने उठाया कदम
देश के दिग्गज कारोबारी अडाणी के गुजरात स्थित मुंद्रा पोर्ट पर 15 नवंबर के बाद से अपने टर्मिनल पर ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले कार्गो की हैंडलिंग नहीं होगी। गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग का मामला सामने आने के बाद अदानी पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा गया है कि 15 नवंबर से अदाणी पोर्ट एंड सेज लि. (APSEZ) अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से आने वाले कार्गो की हैंडलिंग नहीं करेगा। कंपनी ने ये फैसला मुंद्रा पोर्ट में भारी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी के बाद लिया है।
टैल्क पाउडर के नाम पर आया था ड्रग्स का कंसाइनमेंट
गौरतलब है कि 16 सितंबर को गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर अडाणी समूह द्वारा संचालित दो कंटेनरों से करीब 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी। यह खेप अफगानिस्तान से आई थी, जो अफीम के सबसे बड़े अवैध उत्पादकों में से एक है। इस हेरोइन को जंबो बैग में छुपाया गया था और कहा गया था कि इसमें असंसाधित टैल्क पाउडर था। इसे बैग की निचली परतों में रखा गया था और फिर ऊपर से टैल्क पत्थर भरे गए थे। सीमा शुल्क विभाग और राजस्व खुफिया निदेशालय के संयुक्त अभियान के दौरान जब्त की गई हेरोइन की कीमत करीब 20,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
अब तक 8 लोगों को किया जा चुका है अरेस्ट
राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा मामले को 6 अक्टूबर को एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद एनआईए ने जांच शुरु की और देश भर में छापेमारी की। जिसमें अफगान और उज्बेकिस्तान नागरिकों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उधर, नशीली दवाओं की बरामदगी को लेकर व्यापक आलोचना के बाद, अडाणी समूह ने कहा था कि उसके पास कंटेनरों की निगरानी और जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। अडाणी समूह ने कहा था कि देश भर में कोई भी बंदरगाह ऑपरेटर, कंटेनर की जांच नहीं कर सकता है। उनकी भूमिका बंदरगाह चलाने तक ही सीमित है। पोर्ट पर टर्मिनलों से गुजरने वाले कंटेनरों या लाखों टन कार्गो की जांच करने का हमारे पास कोई पुलिसिंग अधिकार नहीं है।
कार्गो हैंडलिंग का लगभग 25% हिस्सा संभालता है अडाणी ग्रुप
बता दें, अडाणी पोर्ट्स भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक पोर्ट ऑपरेटर है, जो देश के कार्गो हैंडलिंग का लगभग 25% हिस्सा संभालता है। कंपनी गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा के सात तटीय राज्यों में 13 स्थानीय बंदरगाहों पर काम करती है।