गन लाइसेंस घोटाले में 40 ठिकानों पर रेड, सीनियर IAS शाहिद चौधरी समेत कई अफसर भी घेरे में
CBI ने गन लाइसेंस मामले में शनिवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के IAS अधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी के आवास सहित 40 ठिकानों पर छापेमारी की। एजेंसी ने अब तक इन छापों के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है, लेकिन बताया कि यह कदम 2019 में दर्ज एक मामले के तहत उठाया गया। आरोप है कि 2012 और 2016 के बीच जम्मू कश्मीर के विभिन्न जिलों के कमिश्नर्स ने धन के लालच में फर्जी और अवैध रूप से हथियार लाइसेंस जारी किए।
चौधरी 2009 बैच के IAS अधिकारी हैं और फिलहाल जम्मू और कश्मीर के जनजातीय मामलों के विभाग के प्रशासनिक सचिव के पद पर तैनात हैं। वह कठुआ, रियासी, राजौरी और उधमपुर जिलों के कमिश्नर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों को फर्जी नामों पर हजारों लाइसेंस जारी किए।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 के बाद से जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से 2 लाख से अधिक बंदूक लाइसेंस जारी किए गए हैं। इसे भारत का सबसे बड़ा गन लाइसेंस रैकेट बताया जाता है।
2020 में 2 अधिकारियों की हुई गिरफ्तारी
पिछले साल इस मामले में IAS अधिकारी राजीव रंजन समेत दो अधिकारियों को CBI ने गिरफ्तार किया था। रंजन और इतरत हुसैन रफीकी ने कुपवाड़ा जिले के कमिश्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित रूप से कई अवैध लाइसेंस जारी किए। 2020 में इस केस में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई थी, जो लोक सेवकों सहित अन्य सह-आरोपियों के साथ विभिन्न वित्तीय लेनदेन में शामिल था।
2017 में राजस्थान ATS ने किया घोटाले का खुलासा
राजस्थान ATS ने 2017 में इस घोटाले का खुलासा किया था और 50 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ATS के अनुसार, कथित रूप से सेना के जवानों के नाम पर 3,000 से अधिक परमिट दिए गए थे। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा ने मामले में जांच का जिम्मा CBI को सौंप दिया था।